अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से स्टांप पेपर लिखाया मौत की अनापत्ति
  • हाइड्रोसील का आपरेशन के लिए एक सप्ताह पहले मरीज हुआ था भर्ती

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) नगर परिषद क्षेत्र के डाक-बंगला चौराहा के समीप सृष्टि जीवन हॉस्पिटल एण्ड क्रिटिकल केयर में इलाज के दौरान शनिवार को एक 60 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई। मृतक वृद्ध मरीज की पहचान नगर परिषद क्षेत्र के मधुबन गांव निवासी 60 वर्षीय हरिनंदन शर्मा के रूप मे की गई है।

जैसे ही मरीज की मौत हुई कि परिजनों द्वारा नर्सिंग होम पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा भी शुरू कर दिया। मामले की नजाकत देखते हुए नर्सिंग होम प्रबंधन ने अपने जान पहचान वालों के मदद से मृतक वृद्ध मरीज के परिजनों को रिझाने में कामयाब भी हो गया। वही वृद्ध की मौत की कीमत पहले ढाई लाख लगाई गई बाद में मान मनोबल के बाद सौदा 2 लाख 20 हजार रुपए में तय हुआ और नर्सिंग होम प्रबंधन ने 100 रुपए के स्टांप पेपर पर परिजनों से अपने मन मुताबिक मौत की अनापत्ति लिखवा लिया। उसके उपरांत मरीज के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया।

इस मामले में मृतक के पुत्र दुलारचंद शर्मा से पूछा गया तो उसने बताया कि पिछले शुक्रवार उसने अपने पिता के हाइड्रोसील ऑपरेशन के लिए थाना रोड वाले मार्ग स्थित सृष्टि जीवन हॉस्पिटल एण्ड क्रिटिकल केयर भर्ती कराया था। जहां इलाज करने का अस्पताल प्रबंधन ने 45 हजार रुपए में ऑपरेशन और दवा की राशि अलग से लिए जाने की बात कही गई और इलाज शुरू के नाम पर पहले 5 हजार रुपए जमा करवा ली गई तब जाकर इलाज शुरू किया गया । फिर पुनः 6 हजार रुपए जमा करवाई गई।

मरीज के ऑपरेशन के 4 दिन बाद ही तबियत में सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि वह चिंता ना करें इसका इलाज नर्सिंग होम अपने खर्चे पर बेगूसराय में करवाएगी । इधर परिजन बेगूसराय ले जाने की तैयारी में जुटा ही था कि शनिवार को मरीज की मौत हो गई। उसके उपरांत परिजनों द्वारा नर्सिंग होम पर इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर उसके मरीज की मौत हो जाने की आरोप लगाने लगे तो जिसके बाद नर्सिंग होम संचालक व मरीज के परिजनों के बीच कुछ समाजिक लोग मध्यस्ता कर मरीज की मौत की कीमत दो लाख 20 हजार रुपए लगा दिया।

इस पुरे मामले पर जब अस्पताल प्रबंधन से उसका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो फोन की घंटी बजती रही वो फोन उठाने या फिर दुबारा कॉल रिटर्न करने की जहमत नहीं उठाई।

वहीं इस पूरे प्रकरण पर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर एनके सिन्हा से पुछे जाने पर बताया कि चुंकि किसी भी नर्सिंग होम को अनुमंडल स्तर से लाइसेंस नहीं दी जाती है। सहरसा से ही लाइसेंस प्राप्त करना होता है। रही बात मरीज की मौत की तो छानबीन की जा रही है। आवेदन प्राप्त होते ही वैसे नर्सिंग होम पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते नर्सिंग होम को बंद करवा दिया जाएगा।

बिना मानक के संचालित हो रहे हैं निजी नर्सिंग होम : सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र में छोटे बड़े करीब आधे दर्जन निजी नर्सिंग होम संचालित है। कई नर्सिंग होम बिना मानक के चल रहे हैं। मरीज आने पर बाहर से डॉक्टर को कॉल पर बुला इलाज किया जाता है। कई बार ऐसे नर्सिंग होम में मरीज के परिजन हो हंगामा भी करते हैं लेकिन सेटिंग गेटिंग पर ऐसे निजी नर्सिंग होम फल फुल रहा है।