बीजेपी नेता ने ईओ से मिल विभागीय मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
- निविदा की शर्तें एक खास एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए रखा गया – रितेश रंजन
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) नगर परिषद द्वारा साफ – सफाई को लेकर निकाले गए निविदा पर विवाद हो गया है। निकाले गए टेंडर में रखी गई शर्तों पर सवाल खड़ा करते हुए एक खास एजेंसी में लाभ पहुंचाने की बात कही गई है।
इस संबंध में बीजेपी नेता रितेश रंजन ने नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री के नाम एक ज्ञापन ईओ सिमरी बख्तियारपुर को सौंपते हुए अग्रतर कार्रवाई करते टेंडर रद्द करने की मांग करते हुए पुनः टेंडर जारी करने की बात की है।
ईओ को दिए आवेदन में बीजेपी नेता रितेश रंजन ने कहा है कि सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद में साफ – सफाई को लेकर निविदा आमंत्रित की गई है। निविदा पूर्णत: किसी खास संवेदक को लाभ पहुंचाने एवं ज्यादा से ज्यादा सरकारी राशि का दुरुपयोग कर लूट की मंशा को दर्शाता है।
बीजेपी नेता ने कहा कि नगर परिषद के अध्यक्ष एवं कार्यपालक पदाधिकारी की मिलीभगत से खास कंपनी जो पूर्व में यहां साफ – सफाई का काम कर रही के बीच राशि का लेन-देन कर उसके मन मुताबिक एनआईटी को तैयार किया गया है। जो एनआईटी के विभिन्न बिंदुओ को देखने से साफ स्पष्ट होता है।
उन्होंने कहा कि एनआईटी में टर्न ओवर वर्ष 21 – 22 का 8 करोड़ होने की बात कही गई है। वहीं बीडर को अंतिम 2 वर्ष में बिहार के 10 अलग-अलग यूएलबी के साफ – सफाई कार्य का अनुभव होने की बात कही गई है। टेंडर मूल्य बीस हजार रखा गया है। यह सभी शर्तें आज तक बिहार के किसी यूएलबी में नहीं डाला गया होगा। यह कंडीशन सिर्फ इसलिए डाला गया है कि बीड में कम से कम बीडर भाग ले और ज्यादा – से – ज्यादा राशि में हो सके। जिससे सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर राशि को आपस में बंदरबांट किया जा सके।
आवेदन में कहा गया है कि एनआईटी को सामान्य कंडीशन के साथ दिया जाए। जिससे ज्यादा – से – ज्यादा संवेदक भाग ले। जिससे सरकार को ज्यादा – से – ज्यादा राजस्व की प्राप्ति हो और कम – से – कम राशि में टेंडर हो। आवेदन में ये भी आकृष्ट किया गया है कि पूर्व के संवेदक जो कि वर्तमान में साफ – सफाई के कार्य को करते हैं, इनका काम इतना खराब है कि लगातार अखबार के माध्यम से उजागर होता रहता है।
आज तक जो लेबर इसमें कार्यरत है उन्हें ईपीएफ का पैसा नहीं दिया गया। जिस कारण हमेशा धरना प्रदर्शन होता रहा है साथ ही इस कंपनी का कोई कार्यालय भी सिमरी बख्तियारपुर में नहीं है। इस कंपनी को ही पुन: टेंडर देने के लिए एक साजिश के तहत एनआईटी को तैयार किया गया है, इस पूरी प्रक्रिया में मोटी राशि का लेन – देन किया जा चुका है। टेंडर महज औपचारिकता है। नाम पूर्व से ही फाइनल कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर टेंडर की शर्त ही रखनी है तो एजेंसी का टर्नओवर 15 करोड़, अनुभव राज्य के बाहर कार्य करने का, बैंक गारंटी 5 करोड़ रखा जाएं या फिर निविदा की शर्त को आसान किया जाए जिससे अधिक से अधिक एजेंसी निविदा में भाग ले सके। वहीं इस संबंध में ईओ केशव गोयल से पुछे जाने पर बताया कि ज्ञापन मिला है। अग्रतर कार्रवाई की जा रही है।
यहां बतातें चले गए कि 19 मार्च 23 को दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र के 28 वार्डों की साफ-सफाई, ड्रेनेज सफाई, डोर टू डोर कचरा प्रबंधन कार्य के लिए निविदा आमंत्रित किया गया है। इसी निविदा की शर्तें पर सवाल खड़ा हो गया है।