समस्याओं के समाधान हेतु अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
- उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित सरकार के वरीय अधिकारी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से लौटकर वरिष्ठ पत्रकार अनिल वर्मा की रिपोर्ट : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को ’समाधान यात्रा’ के क्रम में सहरसा जिले में विभिन्न विभागाें के अंतर्गत चल रही विकास याेजनाओं का जायजा लिया। वहीं उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने जिलान्तर्गत बलहापट्टी पंचायत के ग्राम बलहा गढ़िया का भ्रमण कर हर घर नल का जल, हर घर तक गली और नाली निर्माण, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट याेजना सहित अन्य विकास कार्याें का निरीक्षण किया। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने लाेगाें से संवाद कर उनकी समस्यायें सुनीं।
पंचायत सरकार भवन बलहापट्टी का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्राम कचहरी कक्ष, ग्राम पंचायत राज पुस्तकालय, सरपंच एवं उप सरपंच कक्ष, ग्राम कचहरी न्यायालय आदि का जायजा लिया। पंचायत सरकार भवन में ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियाें के बैठने की व्यवस्था एवं संचालित हाेने वाली गतिविधियों के संबंध में अधिकारियाें से पूरी जानकारी ली।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत सरकार भवन के ऊपर एक और तल का निर्माण करायें ताकि बाढ़ आने की स्थिति में लाेग आश्रय ले सकें। लाेगाें काे किसी प्रकार की असुविधा न हाे। पंचायत सरकार भवन बलहापट्टी के सामने स्थित तालाब का मुख्यमंत्री ने जायजा लिया। जायजा लेने के क्रम में मुख्यमंत्री ने तालाब के चाराे तरफ पेवर ब्लाॅक लगाने का निर्देष दिया। उन्हाेंने कहा कि यह तालाब पंचायत सरकार भवन के सामने है। यहां सौर ऊर्जा की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें, यह काफी अच्छा रहेगा। यहां आने वाले लाेगाें काे भी इससे सुविधा मिलेगी।
समेकित बाल विकास परियोजना आंगनबाड़ी केंद्र गढ़िया पूर्वी केंद्र संख्या-115 का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर बच्चाें के पठन-पाठन की जानकारी ली। आंगनबाड़ी केंद्र की शिक्षिका से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बच्चाें काे ठीक ढंग से पढ़ने के प्रति प्रेरित करें, इन्हें अच्छे ढंग से पढ़ायें।
मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत निधि जीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा किये जा रहे बत्तख पालन का भी जायजा लिया और जीविका दीदियों के बीच सतत् जीविकाेपार्जन योजना का किट वितरित किया। इस दौरान जीविका दीदी ने अपनी आपबीती साझा करते हुये कहा कि पहले पति ताड़ी का व्यापार करते थे और शराब भी पीते थे। समाज में प्रतिष्ठा नहीं थी तब मैंने समूह से जुड़कर 60 हजार रुपये कर्ज लेकर पति के लिये रिस्सा खरीदी और बकरी पालन का काम शुरू किया।
समूह से जुड़ने के बाद हम जीविका दीदियाें काे सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने सतत्जीविकापार्जन योजना के लाभार्थी जीविका दीदियों काे सांकेतिक चेक प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अंतर्गत कंदाहा मत्स्य ग्राम के एरियल मानचित्र का अवलोकन कर अधिकारियों से चंवर क्षेत्र के संबंध में जानकारी ली। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि चंवराे को उपयोगी बनाने के लिये कई जगहाें पर नीचे मछली ऊपर बिजली के काॅन्सेप्ट पर काम किया किए जाने को कहा।
इसी तर्ज पर कंदाहा मत्स्य के अंतर्त आने वाले चंवराे का विकास करें, इससे लागोें की आमदनी काफी बढेगी। पत्रकाराें से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओें की राशि में कटौती की गई है। इस बार के बजट में मनरेगा और किसान सम्मान निधि याेजना की राशि काट दी गई है, यह ठीक नहीं हैं मनरेगा काफी पुरानी योजना है। यह याेजना विकास के लिए काफी जरुरी है।
मनरेगा के लिए 2022-23 में जाे 73,000 कराेड़ रुपये का प्राेविजन था अब उसे घटाकर 60,000 कराेड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से प्रदानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए, 2022-23 में 68 हजार कराेड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसे घटाकर अब 60,000 कराेड़ रूपये कर दिया गया है। इस तरह इस कई याेजनाओं में इस बार 8,000 हजार कराेड़ रुपये की कटौती कर दी गई है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई याेजना की भी राशि 2,167 कराेड़ रुपये कम कर दी गई है। इसी तरह से कई याेजनाओें की राशि घटा दी गई है। रास्ट्रीय शिक्षा मिशन में 600 कराेड़ रुपये घटा दिये गए हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कम राशि का आवंटन किया गया है। इस तरह महत्वपूर्ण याेजनाओं की राशि में कटौती कर दी गई है।
बिहार की सात निश्चय याेजना की तरह ही इन लोगों ने सप्तऋषि याेजना शुरु करने की बात की है। हमलाेग बिहार में सात निश्चय याेजना काफी पहले से चला रहे हैं। अब बिहार में सात निश्चय-2 चलाई जा रही है। सप्तऋषि याेजना में काेई खास चीज नहीं है। केंद्र सरकार लोगों के हित में काेई काम नहीं कर रहा है। ग्रामीण इलाकाें के लिए महत्वर्पूा याेजनाओ् की राशि में कटौती कर दी गई है।
बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। हमलोगाें की डिमांड काे भी नहीं माना गया है। वित्तमंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में जाे मांगें रखी थीं उसे पूरा नहीं किया गया है। केंद्रीय बजट में बिहार काे बहुत कुछ मिलने के भाजपा नेता सुशील कुमार माेदी के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार काे कहां कुछ मिला है। उनके नाम पर हमसे क्याें पूछते हैं, वो ताे, यूंही ही बोलते रहेगे।
कुछ से कुछ बाेलते रहना ही उनकी ड्यूटी है। कुछ कुछ बोलने से उनकाे काेई लाभ मिल जाय ताे अच्छी बात है। जितना अनाप-शनाप बोलना है बोलते रहेंगे। पिछली बार उनकाे उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था ताे मुझे दुख हुआ था। उनके बोलने का का कोई अर्थ नहीं है। केंद्रीय बजट में महत्वर्पूा याेजनाओं की राशि में इनलोगाें ने कटौती कर दी है। हमलोग 4-5 प्रतिशत फिस्कल डेफिसीट चाह रहे थे। उसकाे भी इनलाेगाें ने नहीं बढ़ाया है। इसे 3 प्रतिशत पर ही रहने दिया गया है।
ऐसा हाेता ताे हमलागे अपने राज्य के हित में बाहर से भी कर्ज ले सकते थे लेकिन इसे बढ़ाया ही नहीं गया है। केंद्र सरकार की याेजना में एक हिस्सा केंद्र सरकार का जबकि दूसरा हिस्सा राज्य सरकार का हाेता है। इसके कारण राज्य काे अपने हित में काम करने काे लेकर पैसे नहीं बचते हैं। राज्य सरकार का पैसा केंद्र सरकार की याेजनाें में खर्च हाे जाता है। केंद्रीय याेजनाें में 40 प्रतिशत तक राशि राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है।
केंद्र सरकार काे अपने बल पर केंद्रीय याेजनाओं बनानी चाहिए। केंद्रीय याेजना में नाम केंद्र का हाेता है जबकि पैसा राज्य सरकार का भी खर्च हाेता है। जब केंद्रीय योजनाें मे राज्य सरकार अपना पैसा खर्च करती है ताे राज्यों काे केंद्रीय मदद मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से राज्यों काे मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा केंद्रीय योजनाें में ही खर्च हाे जाता है। सबसे महत्वर्पूण बात है कि काेई राज्य अपने विकास के लिए बाहर से ऋणा ले ताे उसके लिए उसका लिमिट बढ़ाना चाहिए, तभी राज्यों का विकास होगा। हमलाेग यही चाह रहे हैं।
सभी तरह की दिक्कताें के बावजूद बिहार काफी आगे बढ़ा है। रेल बजट का आकार बढ़ने से बिहार काे हाेने वाले फायदे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें बिहार काे कुछ नहीं मिलने वाला है। सभी महत्वपूर्ण याेजनाें की राशि में कटौती कर दी गई है। सब कुछ करने के बावजूद सभी चीजाें पर उनका नियंत्रण हाेने के कारण उन्हीं की खबरें चलती रहती हैं। राज्याें काे अपने विकास के लिए ऋण की व्यवस्था करनी पड़ेगी।
हमलाेग काफी पहले से विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं लेकिन वे लाेग सुन ही नहीं रहे हैं। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार जैसे दूसरे अन्य पिछड़े राज्य भी आगे बढ़ जाते। पिछड़े राज्यों का विकास हाेने से देश का ही विकास हाेता।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन याेजना के अंतर्गत जिला अस्पताल सहरसा काे माॅडल अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्माण कार्य का शिलापट का अनावरण एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने अस्पताल परिसर में पौधाराेपण कर अस्पताल का मुआयना किया। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने इमरजेंसी, ओटी, ओपीडी, पंजीकरण काउंटर, दवा वितरण केंद्र एवं मरीजाें काे मिलने वाली निःशुल्क दवाओें की सूची आदि का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों काे निर्देष देते हुए कहा कि दवाओें की सूची अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी लगवा दें ताकि लोगाें काे आसानी से जानकारी उपलब्ध हाे सके। भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री ने स्थानीय लाेगाें से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं एवं संबंधित अधिकारियों काे उनके यथाशीघ्र समाधान हेतु निर्देश दिया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नेताओं एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। भ्रमण के दौरान ग्रामीणाें ने जगह-जगह मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, याेजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री संजय कुमार झा, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, मंत्री ऊर्जा, पंचायती राज मंत्री सह सहरसा जिले के प्रभारी मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम, सांसद दिनेश चंद्र यादव, विधायक युसूफ सलाउद्दीन,
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक आरएस भट्टी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, गन्ना उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सह सहरसा जिले के प्रभारी सचिव नर्मदेश्वर लाल, कृषि सचिव विभाग एन सरवन कुमार, सचिव समाज कल्याण विभाग प्रेम सिंह मीणा, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह मिशन निदेशक जल-जीवन-हरियाली राहुल कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गाेपाल सिंह, आयुक्त काेशी प्रमंडल मनाेज कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक काेशी प्रक्षेत्र शिवदीप लांडे, डीएम आनंद शर्मा, एसपी लिपि सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।