हाल अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर का, रात साढ़े नौ बजे इलाज के लिए भर्ती हुआ था मरीज
  • रायपुरा पंचायत के राम्हरपार टोले की एक महिला का इलाज के दौरान अस्पताल में हो गया मौत

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : अनुमंडलीय अस्पताल में गुरूवार की रात एक महिला मरीज की इलाज के साथ – साथ एम्बुलेंस के अभाव में सांसे बंद हो गई। 45 वर्षीय महिला मरीज कौशल्या देवी की मौत की खबर सुनते ही उसके गुस्साए परिजनों ने अस्पताल कर्मियों तथा एम्बुलेंस चालक के खिलाफ जमकर हंगामा मचाया। वहीं परिजनों ने हंगामा मचाने के बाद मृतिका के शव को लेकर अपने घर चले गये।

आक्रोशित परिजनों रायपुरा पंचायत के रामहरपार निवासी अनिल शर्मा, ममता देवी तथा अंजू देवी ने बताया कि मेरे रिश्तेदार संजय शर्मा की करीब 45 वर्षीय पत्नी कौशल्या देवी को गुरूवार की रात अचानक चेहरे पर सूजन के साथ – साथ सांसे लेने में दिक्कत होने लगी। जिसकी हालत गंभीर होता देख रात के करीब सवा नौ बजे के आसपास अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।

जहां पर पूर्जा कटाने के बाद डॉक्टर के द्वारा दवाई लिखी गई। जिसके बाद एएनएम ने मरीज को सूई दी, बीपी देखा तथा ऑक्सीजन लगाया। इसके बाद एएनएम ने कहा कि यहां जितना हुआ उतना इलाज कर दिया गया है‌। अब आपके मरीज को यहां से रेफर कर दिया गया है। यहां से तुरंत लेकर जाइए। जिसके बाद हमलोग एम्बुलेंस को खोजने लगे।

अस्पताल में उस समय दो एम्बुलेंस खड़ी थी‌। एक एम्बुलेंस ड्राइवर को जब पूर्जा दिखाते चलने को कहा तो उसने कहा कि हम खाना खाने जा रहे हैं, खाना खाने के बाद ही कहीं जायेगे। जिस पर हमने कहा कि मरीज की हालत गंभीर है शीघ्र किजीए तो कहा कि दूसरा एम्बुलेंस लगी है उससे चले जाइए। वहीं दूसरा एम्बुलेंस का चालक ने कहा कि एक टायर पंचर है हम नहीं जा पाएंगे।

परिजनों का आरोप है कि करीब आधा घंटा तक दोनों एम्बुलेंस चालक के पास दौर लगाते रहे मगर कोई तैयार नहीं हुआ, उधर मरीज का चिकित्सक के द्वारा इलाज करना भी यह कहकर छोड़ दिया गया कि आपके मरीज को रेफर कर दिया गया है हमलोग कुछ नहीं कर सकते हैं।इसी क्रम में मेरे मरीज की मौत हो गई। वहीं परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर ससमय एम्बुलेंस मिल जाती तथा मरीज का इलाज जारी रहता तो मेरे मरीज कौशल्या देवी की मौत नहीं होती। सभी की लापरवाही के कारण मौत हुई है। इतना ही नहीं मौत की खबर सुन सभी स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल से गायब हो गए थे।

इधर एक एम्बुलेंस चालक अरूण कुमार ने बताया कि साढ़े दस बजे हम चौराही से तुरंत मरीज लेकर पहुंचे थे ही कि मुझे जाने को कहा गया। जिस पर मैंने कहा कि हम थोड़ा खाना खाने जा रहे हैं आप दूसरे एम्बुलेंस से चले जाइए। इस बावत अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डा. एन के. सिन्हा ने बताया कि हम नहीं थे, ड्यूटी पर उस समय डा. नितीश कुमार थे।