मुख्य साजिशकर्ता सहित चार गिरफ्तार, मुंशी व पेटी कान्ट्रेक्टर पर चल रही हैं जांच
- हत्या बाद गठित एसआईटी जांच टीम ने हत्याकांड का किया बड़ा खुलासा
ब्रजेश भारती : सहरसा जिले के पूर्वी कोशी तटबंध के अन्दर फरकिया दियारा में 28 मई की रात्रि पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत पुल निर्माण कार्य में लगे अररिया जिले के एक मजदूर मो जुम्मन की बदमाशों द्वारा गोलीमार हत्या कर दिए जाने के मामले का पुलिस द्वारा गठित एसआईटी जांच टीम ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए मुख्य साजिशकर्ता सहित चार लोगों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता प्राप्त किया है।
कोशी दियारा का चर्चित बदमाश गिरोह पारो यादव के भाई गिरोह के वर्तमान संचालक के द्वारा हत्या को अंज़ाम देने का खुलासा करते हुए इस कांड के मुख्य साजिशकर्ता एक अन्य कंपनी श्री कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक का नाम का संलिप्तता सामने लाते हुए उनको भी गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में पुलिस प्रशासन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मामले की जानकारी साझा किया है।
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जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें कनरिया ओपी क्षेत्र के सुखासनी गांव निवासी प्रदीप यादव का पुत्र राहुल कुमार, इसी गांव के विद्यानंद यादव का पुत्र बबलू कुमार, इसी ऑफिस क्षेत्र के दह गांव निवासी सुरेश साहनी उर्फ सुरेश मुखिया एवं नवहट्टा थाना क्षेत्र के पुरूषोत्तमपुर निवासी श्याम सुन्दर यादव शामिल हैं।
यहां बताते चलें कि जुम्मन हत्याकांड के बाद पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए मामले के खुलासे के लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया गया था जिसमें सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संतोष कुमार एवं सिमरी बख्तियारपुर डीएसपी इम्तियाज अहमद, डीएसपी प्रशिक्षु निशिकांत भारती, सौरभ जयसवाल, पुलिस निरीक्षक कृष्ण कुमार, सदर थाना अध्यक्ष राजमणि, तकनीकी शाखा के मंगलेश कुमार मधुकर एवं थानाध्यक्ष सौर बाजार, कनरिया ओपी अध्यक्ष महेश रजक एवं ओपी अध्यक्ष नवहट्टा को शामिल किया गया था।
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गठित एसआईटी टीम ने लगातार तीन दिनों तक दियारा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर उपरोक्त चार लोगों को गिरफ्तार किया। छानबीन के क्रम में यह मामला सामने आया कि दियारा क्षेत्र के कुख्यात बदमाश पंकज यादव अपने गिरोह के साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। इस काम को अंजाम देने के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में श्याम सुंदर यादव का नाम सामने आया है। श्याम सुंदर यादव द्वारा पंकज यादव को मेल में लेकर इस कांड को अंज़ाम रंगदारी में रूपए मिलने का भरोसा दिलाया था। साथ ही पंकज यादव द्वारा चालित ट्रैक्टर सहित नाव परिचालन में अतिरिक्त कमाई का प्रलोभन दिया गया था।
श्याम सुंदर यादव इस घटना को पंकज यादव के द्वारा इसलिए अंजाम देने की साजिश रची की वह चाहता था कि जो भी निर्माण कार्य इस क्षेत्र में चले वह उसके द्वारा संचालित किए जाएं। वर्तमान में जो पुल निर्माण का कार्य चल रहा था उसे भी वह हड़पना चाहता था। इसी सब मकसद से वह पंकज को मेल में लेकर साजिश रच रखा था।
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इतना ही नहीं गत दिनों जब पंकज यादव ने पुल निर्माण में लगे मजदूरों का मोबाइल व बाइक ले लिया तो संवेदक गोबिंद कुमार को पुलिस के पास मामले को लेकर नहीं जाने दिया। चुंकि उसे पता था कि अगर मामला पुलिस के पास पहुंच गया तो गुत्थी खुल भी सकती है इसलिए इस मामले की पंचायत कर मोबाइल व बाइक वापस कर रंगदारी के रूपए देने का फैसला कर दिया।
कहां गया कि संवेदक द्वारा रंगदारी स्वरूप दी गई पचास हजार रुपए की राशि स्वयं श्याम सुंदर यादव ने रख कर पंकज यादव को नहीं देकर उसको और उकसा कर किसी बड़ी घटना को अंज़ाम देने की बात कहने पर मजदूर जुम्मन की हत्या करवा दियाा। हालांकि पुलिस पुल कार्य को पेटी कॉन्ट्रैक्ट के रूप में अंजाम देने वाले अनुज कुमार एवं मुंशी नूनू झा की भूमिका पर भी संदेह व्याप्त है घटना के दिन मुंशी निर्माण स्थल पर मौजूद नहीं था जबकि रोजाना वह वहां रहता था दोनों की भूमिका की पुलिस संदिग्ध मान कर जांच कर रही है।
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हालांकि जिला पुलिस प्रशासन ने बताया कि हत्याकांड खुलासे बाद पुल निर्माण स्थल पर पुलिस बल की तैनाती कर दी है पुलिस अभिरक्षा में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता तथा दूसरे पदाधिकारी के सुरक्षा को लेकर प्रोजेक्ट साइट पर पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करा दिया गया है। ताकि अपराधी किसी प्रकार की अपराधिक गतिविधियों को अंजाम न दे तथा निर्माण कार्य में लगे मजदूर भयमुक्त होकर कार्य का निष्पादन कर सके।
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