एक दर्जन नामजदों में मात्र दो गिरफ्तार अभी भी दस आरोपी चल रहे हैं फरार
- पीड़ित पत्नी ने एसपी से मिल एक षड्यंत्रकर्ता का नाम जोड़ते हुए फरार आरोपी की गिरफ्तारी की लगाई गुहार
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के तरियामा गांव में इसी माह के सात तारिख को लड़की छेड़खानी का विरोध किए जाने पर पूर्व वार्ड सदस्य को पीट पीटकर कर मौत के घाट सुला देने वाले नामजद आरोपियों द्वारा अब पीड़ित परिवार को जान मारने की धमकी दे रहा है। धमकी से डरे सहमे मृतक की पत्नी ने एसपी से मिल न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ित की पत्नी रीता देवी की मानें तो आरोपी परिजनों को हमेशा धमकी देते रहता है कि किसी ना किसी को जान मार देंगे या फिर किसी प्रकार के केस में फंसा देंगे। एक केस चल ही रहा है दुसरा भी चलेगा लेकिन छोड़ेंगे नहीं। परिजन कहते हैं कि चुंकि आरोपी सबल व मनबढु है इसलिए वह कुछ भी अनैतिक घटना को अंजाम देने में तनिक भी संकोच नहीं करेगा।
परिजन कहते हैं कि सभी आरोपी शातिर है। इसलिए पुलिस की पकड़ में नहीं आतें हैं। पुलिस भी सुस्ती दिखा रही है। दस नामजद खुलेआम धमकी चमकी देकर घुम रहा है लेकिन उन लोगों को गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। रीता देवी कहती है इस पुरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड हेमंत साह जो एफआईआर में नामजद आरोपी की सूची में छूट गया था का नाम अनुसंधान में लाने की जरूरत है।
यहां बताते चलें कि अरविंद हत्याकांड में पुलिस ने अब तक एक दर्जन नामजदों में से सिर्फ दो व्यक्ति प्रवेश कुमार एवं भवेश साह की पत्नी सरिता देवी को ही गिरफ्तार कर सकी है। शेष नामजद अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर चल रहे हैं। जानकार बताते हैं कि कुछ ग्रामीण आरोपी की मदद कर अपनी पैरवी व पहुंच का फायदा नामजदों को पहुंचा रहे हैं जिसकी वजह से वो सब पुलिस पकड़ से बाहर है।
क्या था मामला : पूर्व वार्ड सदस्य मृतक अरबिंद कुमार साह के भाई श्यामल किशोर साह के आवेदन पर बख्तियारपुर थाना में कांड संख्या 162/21 दिनांक 8/6/21 दर्ज किया गया था। जिसमें मृतक के भाई ने कहा था कि 6 जून की रात्रि करीब 9 बजे के आसपास एक नावालिग लड़की घर से पश्चिम दिशा में शौच के लिए निकली थी।
नावालिग लड़की के साथ गांव के ही स्व. पृथ्वीचन्द साह के पुत्र अंकित कुमार तथा महेश्वर साह के पुत्र प्रवेश कुमार छेड़खानी करने लगा। छेड़खानी के दौरान लड़की के द्वारा हल्ला किये जाने पर मंझले भाई अरबिंद कुमार साह जब वहां पहुंचा तो दोनों युवकों को छेड़खानी करने से मना किया तो दोनों के बीच विवाद हो गया। जिसके बाद समाज की पहल पर मामला शांत हुआ।
इसके बाद दूसरे दिन सुबह में 7 जून को मेरा भाई अरबिंद ने दोनों युवक के माता पिता को शिकायत करने के लिए गया तो वहां भी तू-तू मैं मैं हो गया। जिसके कुछ देर बाद दोनों युवक अंकित कुमार, प्रवेश कुमार सहित उसके परिजन दायमाला देवी, महेश्वर साह, सरीता देवी, गजेन्दर प्रसाद साह, कृष्ण कुमार उर्फ भनुआ, दिवेन्दर साह, सोभिन साह, रविन्द्र साह, चन्देश्वरी साह तथा चुनचुन कुमार ने हथियार से लैस होकर मारपीट करने लगा।
जो कि हथियार के बट से लाठी डंडे सहित लोहे की रड से सर पर मारने लगा। जिसमें सर पर अधिक चोट लगने के कारण वह बेहोश होकर गिर गया। जिसके बाद अपने जख्मी भाई को वहां से उठाकर अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर इलाज के लिए लाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल सहरसा रेफर कर दिया गया। वहां से भी मधेपुरा रेफर कर दिया गया। लेकिन सहरसा में ही एक निजी क्लिनिक में इलाज कराने के क्रम में मौत हो गई।