सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से हार कर भी मंत्री बनें वीआईपी सुप्रीमों मुकेश सहनी
डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कुछ छोटी पार्टियां बेहद महत्वपूर्ण बनकर उभरी हैं, उन्हीं में से एक है सन आफ मल्लाह के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले मुकेश सहनी। विधानसभा चुनाव में 76 सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से चुनाव हार जाने के बावजूद वो मंत्री बन गए।
उनकी पार्टी वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और उन्हें 4 सीटों पर जीत हासिल हुई। ‘सन ऑफ मल्लाह’ कहे जाने वाले सहनी ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। मुकेश सहनी बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद इतने महत्वपूर्ण हो गए कि तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी को बिहार का उप मुख्यमंत्री बनने का ऑफर भी दिया था।
हार के बावजूद मंत्री बनें : मुकेश सहनी चुनाव से पहले महागठबंधन का हिस्सा थे लेकिन बाद में वो तेजस्वी का साथ छोड़ एनडीए में शामिल हो गए। उनका कहना था कि तेजस्वी ने उनके साथ धोखा किया था। एनडीए में शामिल होकर वो सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें आरजेडी के प्रत्याशी यूसुफ सलाउद्दीन से मात्र 1659 मतों से हार का सामना करना पड़ा। भले ही सहनी को हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन उनके 4 प्रत्याशी जीते हैं। और इसी वजह से मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई।
तेजस्वी ने दिया था उप मुख्यमंत्री बनने का ऑफर : बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन भले ही सरकार न बना पाई हो लेकिन आरजेडी ने जोड़तोड़ कर सरकार बनाने की पूरी कोशिश की। महागठबंधन को चुनाव में 110 सीटें मिली हैं और उन्हें बहुमत के लिए 12 और विधायकों को जरूरत थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, हिन्दुस्तानी आवाम पार्टी और मुकेश सहनी की पार्टी से इस बाबत संपर्क किया था। मुकेश सहनी ने तेजस्वी के ऑफर को ठुकराते हुए कहा था, ‘जब मौका मिला था तब उन्होंने पीठ में खंजर मार दिया और अब उप मुख्यमंत्री का पद परोस रहे है।
बॉलीवुड से शुरू किया सफ़र : मुकेश सहनी बिहार में दरभंगा जिले के गौरा बौरम विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत एक गांव के रहने वाले हैं। सहनी 19 साल की उम्र में अपना घर छोड़कर मुंबई भाग गए थे। वहां जाकर उन्होंने एक कॉस्मेटिक शॉप में बतौर सेल्समैन काम करना शुरू किया। कुछ समय बाद उन्हें बॉलीवुड ने आकर्षित किया और वो वहां सेट डिजाइन का काम करने लगे। नितिन देसाई की फिल्म ‘देवदास’ के लिए मुकेश सहनी ने ही सेट डिजाइन की थी। इस फिल्म की सफलता ने उन्हें पहचान दिलाई और उन्होंने अपनी एक कंपनी भी खोल ली जिसका नाम था मुकेश सिनेवल्ड प्राइवेट लिमिटेड।(एमसीपीएल)
ऐसे हुई राजनीति में एंट्री : मुकेश सहनी ने मुंबई में रहते हुए खूब शोहरत और दौलत कमाई। साथ ही वो सामाजिक कार्यों में बराबर रुचि लेते थे। 2010 में उन्होंने बिहार में सहनी समाज कल्याण संस्था की स्थापना की। धीरे धीरे वो राजनीति की तरफ भी मुड़ने लगे। 2014 में सहनी ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन दिया और उनकी तरफ से प्रचार भी किया। लेकिन बाद में बीजेपी से अलग हो गए क्योंकि बीजेपी ने उनके वादे को पूरा नहीं किया। वो चाहते थे कि बीजेपी उनकी जाति (मल्लाह) को शेड्यूल कास्ट में मंजूरी दे। साल 2018 में सहनी ने अपनी खुद की पार्टी ‘विकासशील इंसान पार्टी बनाई।
उपचुनाव में सिमरी बख्तियारपुर दर्ज कराई उपस्थित : एक साल पहले सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुआ। महागठबंधन का हिस्सा रहने के बावजूद उनकी पार्टी वीआईपी ने यहां से अपना उम्मीदवार दिनेश निषाद को आरजेडी प्रत्याशी के विरोध में मैदान में उतार दिया। उनकी पार्टी ने जीत तो दर्ज नहीं कर पाई लेकिन करीब 25 हजार मत प्राप्त कर जदयू प्रत्याशी के हार का कारण बन गई।
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पार्टी की धमाकेदार इंट्री से गदगद मुकेश सहनी ने सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट पर अपनी मजबूत दावेदार पेश करते रह गए। महागठबंधन में बात नहीं बनने पर एनडीए का हिस्सा बने लेकिन सिमरी बख्तियारपुर सीट पर दावेदारी जारी रखा। जदयू से यह सीट बीजेपी के कोटे में चली गई लेकिन उसने इस सीट को अपने पाले में ले खुद यहां से चुनाव मैदान में उतर गए। लेकिन अंततः हार का सामना करना पड़ा।
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