आपसी तालमेल स्थापित कर सफल बनाएं टीकाकरण अभियान: डीएम


जीएनएम स्कूल सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा


सहरसा से भार्गव भारद्वाज की रिपोर्ट :-


सहरसा जिले के जीएनएम स्कूल सभाकक्ष में सोमवार को मीजल्स एवं रुबेला टीकाकरण अभियान से संबंधित जिलास्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। 

कार्यशाला का उद्घाटन जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष सह जिलाधिकारी, शैलजा शर्मा ने किया। जनवरी, 2019 के तीसरे सप्ताह में इस अभियान के प्रारंभ होने की संभावना है। यह अभियान एक महीने तक चलेगा। अपने उद्घाटन संबोधन में जिलाधिकारी ने कहा कि यह कार्यशाला जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर आयोजित किया जाएगा। यह एक समयबद्ध अभियान है। इसमें कहीं भी समन्वय की कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। 


इस अभियान में नौ महीने से 15 वर्ष के जिले के सभी बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग तथा आइसीडीएस. को मिलकर अभियान को सफल बनाना है। सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय, मदरसा, आंगनबाड़ी केंद्रों में अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का प्रचार-प्रसार अच्छे ढ़ंग से होना चाहिए ताकि जन-जन तक यह अभियान पहुंच सके। कहा कि अभियान की मॉनीटिंरिग करनी होगी तथा प्रतिदिन शाम में रिपोर्टिंग लें। कहीं कोई समस्या आती है तो मेरे संज्ञान में लाएं। उसका समाधान किया जाएगा।

सिविल सर्जन डॉ. शैलेद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि मीजल्स एक संक्रामक रोग है। इस रोग से प्रभावित होने पर बच्चे का कई अन्य रोगों से भी प्रभावित होने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि रुबेला से व्यस्क व्यक्ति ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसकी पहचान बहुत मुश्किल से होती है। गर्भवती महिला को रूबेला होने पर असामान्य (एबनार्मल) बच्चा पैदा होने की काफी संभावना रहती है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग खासकर एएनएम, आशा की महत्वपूर्ण भूमिका है। एसीएमओ ने कहा कि जिले के हर बच्चे का भविष्य सुरक्षित रखना हमारा दायित्व है। गर्भवती माता के रुबेला प्रभावित होने पर नब्बे प्रतिशत संभावना रहती है कि बच्चा भी प्रभावित होगा। 15 साल तक के खासकर एक भी बच्ची इस अभियान में छूटना नहीं चाहिए। समाज के सभी वर्ग का सहयोग लेकर अभियान को सफल बनाना है।


यूनिसेफ के एसएमसी बंटेश मेहता ने अभियान का परिचयात्मक संबोधन देते हुए बताया कि यह अभियान बिहार के सभी जिलों में चलाया जाएगा। जिसमें 9 महीने से 15 वर्ष तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा। अभियान प्रारंभ होने से पहले केंद्रीय टीम आकर हर जिले में तैयारी की समीक्षा करेगी। यदि राज्य का एक भी जिला तैयारी में पिछड़ा तो पूरे राज्य में अभियान स्थगित हो जाएगा। यह टीका पूर्णत: सुरक्षित है।

इस मौके पर डीआइओ डा. कुमार विवेकानंद झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ मध्याह्न भोजन, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीओ. आइसीडीएस, सभी सीडीपीओ, सभी बीईओ, यूनिसेफ के एसएमसी. मजहरुल हसन, एसएमओ डा. अरुणेश आदि मौजूद रहे।