सुरक्षा में मिले बाडीगार्ड को चुनाव के समय ही ले लिया गया है वापस


जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष चन्द्र मणी ने प्रशासन से लगाई सुरक्षा की गुहार


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-


बिहार में बीते कुछ महीनों में अपराधीक ग्राफ काफी से बढ़ गया है, बिहार में बहार हैं सुशासन की सरकार है का नारा मानों एक जुमला बन कर रह गया। हत्या, लूट, बालात्कार की घटना आम बात हो गई है। 

इन सब के बीच आम आदमी की कौन पुछे सुबे में सत्ता भोग रही जदयू पार्टी के नेताओ को भी निशाना बनाए जाने लगा है। ऐसा ही एक मामला सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर से सामने आया है। प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के व्यवसायिक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष चन्द्रमणि को फोन कर जान मारने की धमकी मिली है।
घटना के बीस दिन बाद भी पुलिस का हाथ अबतक खाली हैं। फोन करने वाले का ट्रेस तक नहीं लगाया जा सका है। 


घटना के संबंध में जिलाध्यक्ष ने बताया कि बीते 30 जुलाई को रात्रि नौ बजकर 28 मिनट से नौ बजकर 32 मिनट तक मेरे मोबाइल नंबर पर एक मोबाइल नंबर से गाली व जान से मारने की धमकी दी गई। जिसके बाद इस बात की सूचना वाट्स ऐप मैसेज कर एसडीओ, डीएम और एसपी को दी। इसके बाद बख्तियारपुर थाना में लिखित आवेदन देकर उचित कानूनी कार्यवाई करते हुए सुरक्षा सुनिश्चित कराने की गुहार लगाई थी। परंतु बीस दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन सुस्ती का चादर ओढ़े हुए हैं।


जिलाध्यक्ष पर बदमाशों की नजर –


जदयू के जिलाध्यक्ष चन्द्रमणि बीते कई वर्षों से अपराधियो के रडार पर है। चन्द्रमणि बताते है कि सरकारी जमीन को खरीदने वाले भू – माफियाओ के खिलाफ मेरा डट कर खड़ा होना और समय समय पर इसके विरुद्ध आवाज उठाना कुछ अपराधी तत्वों को पसंद नही आ रहा है। चन्द्रमणि ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व भी अपराधियो ने मेरे मौत की साजिश रची थी। परंतु घटना से पूर्व ही पकड़े जाने की वजह से मेरी जान बची थी। उस वक्त मुझे सुरक्षा भी उपलब्ध करवाया गया। परंतु अक्टूबर 2015 में चुनाव कार्य के नाम पर अंगरक्षक वापस ले लिया गया।जो आज तक बहाल नही किया गया। जबकि इस संबंध में वरीय अधिकारियों से लेकर दलीय नेताओं को अबगत करा चुका हूं। 


इस संबंध में बख्तियारपुर थानाध्यक्ष रणवीर कुमार से पुछे जाने पर बताया कि दिए गए मोबाइल नं का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है जल्द मामले का पटाक्षेप कर लिया जायेगा।