मुंगेर के छर्रापट्टी से जलभर डाकबम काबरिया शिवलिंग पर करेंगे जलाभिषेक


दिन में एसडीओ करेंगे एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेले का उद्घाटन


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-


मिनी बाबा धाम के रूप में प्रसिद्धी प्राप्त कर चुके सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बलवाहाट स्थित बाबा मटेश्वर धाम मंदिर में सावन की पहली सोमवारी को होने वाले जलाभिषेक को लेकर प्रशासनिक तैयारी पुरी कर ली गई है। 

डाक बम से लेकर सामान्य भोले भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर की रंग रोगन के साथ विशेष रूप से सजाया धजाया गया है। 


वही सोमवार से शुरू होने वाले श्रावणी मेले का भी शुभारंभ किया जायेगा। एसडीओ अरविंद कुमार मेले का फीता काट उद्घाटन करेंगे। जानकारों की माने तो इस साल गत वर्ष से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना व्यक्त की जा रही हैं। इस वार पिछले वर्ष के पांच सोमवारी के बदले चार सोमवारी का ही संयोग बना हैं।

बाबामटेश्वर धाम कांठो –


जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत कांठो पंचायत के बलवाहाट बाज़ार से दक्षिण-पश्चिम एक किलोमीटर दुरी पर स्थित “श्री श्री 108 मटेश्वरधाम महादेव” की न केवल महिमा अपरमपार है बल्कि यहाँ की इस ऐतिहासिक व अदभुत अस्ट पहल शिवलिंग श्रद्धालु सहित पुरातात्विकविदों के लिए भी आकर्षण व शोध का विषय है।


शिवलिंग की खासियत –

मटेश्वर धाम स्थित शिवलिंग

सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल मुख्यालय से महज 9 किलोमीटर पश्चिम बलवाहाट बाज़ार से ठीक सटे काठो गाँव स्थित “श्री श्री 108 मटेश्वरधाम महादेव” के शिवलिंग का आकार अस्ट पहल है, इतिहासकार का भी  मानना है कि यहाँ की शिवलिंग स्वंय अंकुरित होकर प्रकट हुआ है और इसका ताल्लुक पाताल से है, जबकि शिवपुराण में भी इस कदर के प्रकृति वाली शिवलिंग का बखान है,कहा जाता है कि पृथ्वी व पाताल से जुड़ी इस प्रकार की विश्व की एकमात्र शिवलिंग मटेश्वरधाम महादेव ही है, सबसे खासियत यह है कि भीषण गर्मी व सूखे के दिनों में भी शिवलिंग के चारो ओर जल का स्तर उपर उठ जाता है, जबकि ठीक विपरीत बरसात व सावन-भादो में इसका जल स्तर घट जाता है, अस्ट पहल वाले इस शिवलिंग की उपरी भाग गोलाई में है और इसका अर्घा भी आठ पहल की है, अर्घा का स्पर्श मुख्य शिवलिंग से शुन्य की तरह है, जिसमे जल हमेशा लबालब भरा रहता है, इस शिवलिंग की गहराई का अब-तक पता नहीं चल सका है,”श्री श्री 108 मटेश्वरधाम महादेव” मंदिर परिधि के इर्द-गिर्द खुदाई में  कुऑ निकलना आम बात है।


मटेश्वरधाम मंदिर में  कब लगती है श्रद्धालुओं की भीड़ –  

श्रावण मास की हरेक सोमवारी के अलावे भादो मास की रविवार एवं नरक निवारण चतुर्दशी,महाशिवरात्रि जैसे पर्व के मौके पर  आम श्रद्धालुओं की भाड़ी भीड़ पूजां-अर्चना और जलाभिशेष के लिए उमड़ती है, बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी दर्शन के लिए पदार्पण हो चूका है।


कब हुआ संतो का पदार्पण –


काठो स्थित महादेव परिसर में सन 1962 में कुंजनवाह यज्ञ का आयोजन हुआ था और कहा जाता है कि इस कुंजनवाह यज्ञ में बाबा  मटेश्वर स्वंय न केवल नेतृत्व किये बल्कि इलाके के 25 कीर्तन मंडलियो को आमंत्रित कर यज्ञ को सफलीभूत किया,इसके अलावे वर्ष 2003 में जगतगुरु बासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने इस शिवलिंग के दर्शन के बाद अदभुत व आकर्षण से ओतप्रोत बताया था।


कावरियो की श्रावण मास में जलाभिषेक को उमड़ती है भीड़ –


मुंगेर स्थित छरा पट्टी और पौराणिक नाम राजघाट से कावरियो की टोली उतर्वाहिनी गंगा से जल भरकर 80  किलो मीटर पांव पैदल चलकर श्रावण मास की हरेक सोमवारी को “श्री श्री 108 बाबा मटेश्वरधाम महादेव” मंदिर पहुच कर बाबा की जयघोष के साथ जलाभिशेष  करते है।