केन्द्र व राज्य में एक सरकार रहने के बावजूद नहीं हो रहा है विकास


डेंगराही पुल, एम्स की स्वीकृति, ओवरब्रिज निर्माण, बापू सेवा आश्रम, मत्स्यगंधा झील क्यों है अधर में


सहरसा : ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-


पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष सह बीजेपी नेता रितेश रंजन, प्रवीण आनंद सहित एक दर्जन भाजपा नेताओं ने डेंगराही पुल निर्माण सहित विभिन्न जनहीत के मुद्दे को लेकर सरकार के सुस्त रवैये से नाराज होकर आखिरकार बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया।

सहरसा स्तिथ जिला परिषद आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रितेश रंजन और प्रवीन आनंद ने कहा कि आज केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है फिर भी डेंगराही पुल के मामले को साल-दर-साल लटकाया जा रहा है, हमने कई बार केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों से मुलाकात की और पुल बनवाने का आग्रह किया।परंतु हर बार हमें कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।


उन्होंने कहा कि विपक्ष के दौरान जो भाजपा डेंगराही पुल के समर्थन में थी वही भाजपा आज बजट सहित अन्य मामलों का हवाला देकर दियारा के जनता के साथ धोखाधड़ी कर रही है।उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार बदहाली के दौर से गुजर रहा है और भ्रष्टाचार भी अपने चरम पर है कानून का राज खत्म हो चुका है।इसके अलावा कई सामाजिक सरोकार के विषय एम्स की स्थापना, बंगाली बाजार ओवरब्रिज, निर्माण, बापू सेवाश्रम, मत्स्यगंधा झील, बंद पड़े  टीवी टावर सहित अन्य समस्याओं पर भी केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य स्तरीय मंत्री तक का ध्यान आकृष्ट किया कराया गया लेकिन कोई पहल नहीं दिखाई दे रही है।


हम लोग जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर आंदोलन करते हैं तो पार्टी की ओर से दबाव दिया जाता है कि सरकार के विरोध में आप नहीं जा सकते। इसको लेकर संयुक्त रूप से यह फैसला लिया गया कि वे सभी भाजपा के सभी पद और सक्रिय सदस्यता से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे रहे एवं जनहित के मुद्दों पर आंदोलन करेंगे।


इस्तीफा देने वाले ये भी शामिल –


भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष प्रियंका आनंद, बख़्तियारपुर विधानसभा प्रभारी बबली सिंह, मंडल महामंत्री एस कुमार सिंह, सक्रिय सदस्य पूर्व जिला पार्षद निर्मल ठाकुर, सलखुआ मंडल कार्यसमिति सदस्य राहुल राज, राहुल सिंह, वार्ड पार्षद गणेश मिस्त्री, नीलम देवी आदि ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।