इस बार पांच जुमा पड़ने की जताई जा रही है संभावना
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती।
अनुमंडल क्षेत्र में चांद का दीदार बुधवार शाम हो जाने के साथ रमजान की शुरुआत हो चुकी है। चांद के दीदार के साथ पाक महीने रमजान का आगाज हो जाने के साथ मस्जिदों में तरावीह का सिलसिला शुरु हुआ।वहीं, गुरुवार (17 मई) की सुबह लोगों ने सहरी कर रोजा रखा। वही दिन भर रोजा रख शाम में इफ्तार किया।
एक महीने तक चलने वाले रोजे जहां लोगों को इबादत में मशगूल रखते हैं। इस पाक महीने में तौबा के दरवाजे भी खुले रहते हैं। चांद के दीदार के साथ ही बाजारों में रोजेदारों की रौनक दिखी। इस महीने को अल्लाह के महीने के साथ नेकियों और इबादत का महीना भी कहा जाता है। आपको बता दें कि तीस दिन रोजे रखने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। इस महीने में रोजेदार जकात अदा करते हैं।
रमजान के दौरान पड़ेंगे पांच जुमे –
17 मई यानि गुरुवार से रमजान का आगाज हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर तीस दिन का चांद हुआ तो इस बार रमजान के महीने में पांच जुमा पड़ सकते हैं।माह-ए-रमजान में ये जुमे दूसरे रोजे 18 मई, नौंवा रोजा 25 मई, सोलहवां रोजा 01 जून, तेइसवां रोजा 08 जून और तीसवां रोजा 15 जून को पड़ेगा।
पंद्रह घंटे से ऊपर होंगे सभी रोजे –
चांद नजर आने के बाद रामजान के पाक महीना शुरू हो गया।इस बार सभी रोजे पंद्रह घंटे से ऊपर होंगे। जानकारी के मुताबिक, इस बार आखिरी रोजा सबसे ज्यादा वक्त का होगा।
जगमग हुए बाजार –
चांद का दीदार होते ही अकीदतमंदों ने दुआ की।रमजान माह की तैयारी को लेकर बाजार भी जगमग दिखे। बाजारों में सेवइयों व खजूर की दुकानें सज गईं।वहीं फलों की दुकानों में रौनक देखने को मिली। वही इफ्तार में शामिल वस्तुओं के दामों में वृद्धि भी देखी जा रही है।
इन कार्यों का है बहुत महत्व –
रमजान के पूरे महीने रोजे रखना बेहद ही अच्छा माना जाता है.रोजे के दौरान सभी के लिए सलामति के लिए अल्लाह से दुआ की जाती है। इसके साथ ही कुरान पढ़ना और रात में तरावीह की नमाज पढ़ना अच्छा माना जाता है।इस महीने में जकात (दान) करना भी शुभ माना जाता है।जो लोग कुरान पढ़ नहीं सकते वे इसे सुन कर पुण्य का लाभ ले सकते हैं।