वर्ष 13 से ही छात्रवृत्ति, पोशाक व खिचड़ी राशि राशि का हो रहा है गबन
सिमरी बख्तियारपुर ( सहरसा ) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-
सहरसा जिले में शिक्षा विभाग के काले कारनामे किसी से अब छुपे नहीं है। इसी प्रकार का एक नया कारनामा सामने आ रहा है। एक ऐसा मध्य विद्यालय जिसको मात्र दो कमरे हैं वह भी अगर साईज जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे 15 बाय 20। शिक्षक करीब ढे़ड दर्जन इससे भी आश्चर्य छात्रों की संख्या का रिपोर्ट एक हजार के करीब। औसतन खिचड़ी खाने बच्चे की संख्या पांच सौ के करीब। ये सब संभव है तो वह है सहरसा जिला में ही। और ऐसा है भी।
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यह विद्यालय है सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सिटानाबाद में। यहां के प्रधानाध्यापक के द्वारा पिछले 5 वर्षों से छात्रवृत्ति, पोशाक योजना एवं मध्यान भोजन सहित विद्यालय के सभी विकासात्मक योजनाओं की लगभग 50 लाख से उपर की सरकारी राशि विभाग के बड़े पदाधिकारी की मिलीभगत से गबन करने का मामला प्रकाश में आया है।
इस संबंध में सिटानाबाद चौक बाजार के मोहम्मद मुमताज अहमद, मोहम्मद शमीम अहमद, मोहम्मद जसीम, बिनोद भगत, महबूब आलम, अरुण साह, नथुनी सोनार, डोमी साह, मोहम्मद कुदुस, शंकर रजक आदि सहित दर्जनों अभिभावक एवं ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, आयुक्त कोशी प्रमंडल, जिला पदाधिकारी सहित शिक्षा विभाग के तमाम वरीय पदाधिकारियों को देकर गबन के आरोपी प्रधानाध्यापक के ऊपर जांच कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने पत्र में बताया है कि विद्यालय में छात्र की कुल नामांकन आईभीआरएस में दर्ज प्रतिवेदन के आधार पर छात्रों की संख्या 965 है। जब की भौतिक उपस्थिति 80 से 90 बच्चों की विद्यालय में उपस्थिति रहती है। मध्य विद्यालय सिटानाबाद दो कमरे का विद्यालय है। जहां पर आज तक पढ़ाई हो रही है। इस दो कमरे के भवन में 965 बच्चे कैसे समा सकते है। जबकि सालों से लाभान्वित बच्चों की संख्या आईभीआरएस रिपोर्ट के औसत से पता चलता है, कि 485 बच्चों का है। इस प्रकार खाद्यान्न एवं राशि गबन का बंदरबांट सालों से जारी है।
इस आंकड़ों के गबन में बीआरपी की भी अहम भूमिका है। क्योंकि अनुश्रवण प्रतिवेदन बीआरपी के द्वारा ही दिया जाता है। आरोपी प्रभाकर चौधरी प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय सिटानाबाद द्वारा वर्ष 2013 से छात्रवृत्ति एवं पोशाक योजना का लगभग 50 लाख से अधिक की राशि का गबन एक बच्चे का नामांकन कई वर्गों में दिखाकर बड़े चतुराई तरीके से किया गया है। अतः शिक्षा योजना हित में अनुरोध है कि हमारे समाज के गरीब बच्चों को सरकार से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि एवं मध्यान्ह भोजन योजना की राशि एवं खाद्यान्न गबन करने वाले प्रधानाध्यापक प्रभाकर चौधरी को संरक्षण देने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत से बंदरबांट का जांच करने के उपरांत कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले को लेकर पूर्व मैं भी सहरसा डीएम को पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी जिन्होंने जांच के लिए सिमरी एसडीओ पर भेजा था लेकिन अब तक कोई भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।
हालांकि इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक से पुछा गया तो साफ तौर पर सभी आरोप को बेवूनियाद बताते हुए कहा कि कुछ लोग बदनाम करने का ये सब षड्यंत्र रचा है। जो जांचोपरांत गलत साबित हो जाएगा।
इस संबंध में सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक यादव से दूरभाष पर पूछे जाने पर बताया, कि अब तक इस संबंध में कोई भी जानकारी संज्ञान में नहीं आया है। संज्ञान में आने के उपरांत जांच कर विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी एवं दोषी बक्सा नहीं जाएगा।