मुख्य अतिथि के रूप में आरटीओ भागलपुर के ज्वाइंट कमिश्नर ने किया कार्यक्रम में सिरकत
  • इस्लामिया हाई स्कूल में कार्यक्रम हुआ आयोजित, स्कूली बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा)  उतर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 206 वीं जयंती मंगलवार को काफी धूमधाम से अल-मदद एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के बैनर तले इस्लामिया प्लस टू हाई स्कूल के मैदान आयोजित कार्यक्रम में मनाया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आरटीओ कार्यालय भागलपुर के ज्वाइंट कमिश्नर वारिस खान, एएमयू एसटूडेंड यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष सैयद माजिन हुसैन एवं पूर्व विधायक जफर आलम सहित बड़ी संख्या में अतिथियों ने सिरकत किया। इस मौके पर स्कूली बच्चों का शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।‌

इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भागलपुर आरटीओ के ज्वाइंट कमिश्नर वारिस खान सर सैयद अहमद खान के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिता की मौत के बाद एक क्लर्क की नौकरी से शुरुआत करने वाले सैयद अहमद खान का विश्वविद्यालय की स्थापना तक का सफर अपने आप में एक इतिहास है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व और ऐतिहासिक योगदान को देखते हुए महात्मा गांधी ने उन्हें शिक्षा जगत का पैगंबर तक कहा था।

वहीं एएमयू एसटूडेंड यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष सैयद माजिन हुसैन ने संबोधित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली में पैदा हुए सर सैयद अहमद ने 1875 में एक स्कूल के रूप में जो पौधा लगाया था आज उसकी शाखाएं दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में फैल चुकी हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा में 250 से अधिक कोर्स करवाए जाते हैं। विश्वविद्यालय के कई कोर्स में सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित हैं।

औसतन हर साल लगभग 500 विदेशी छात्र-छात्राएं एएमयू में एडमिशन लेते हैं। यूनिवर्सिटी कुल 467.6 हेक्टेयर जमीन में स्थित है। एएमयू अपनी लाइब्रेरी के लिए भी जाना जाता है। विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में 13.50 लाख पुस्तकों के साथ तमाम दुर्लभ पांडुलिपियां भी मौजूद हैं। इसमें अकबर के दरबारी फैजी की फारसी में अनुवादित गीता, 400 साल पहले फारसी में अनुवादित महाभारत की पांडुलीपि, तमिल भाषा में लिखे भोजपत्र, 1400 साल पुरानी कुरान, सर सैयद की पुस्तकें और पांडुलिपियां आदि शामिल है।

वहीं स्पेशल गेस्ट के रूप में मौजूद पूर्व विधायक जफर आलम ने कहा कि सर सैयद अहमद खां का जन्मदिन 17अक्टूबर 1817 ई० दिल्ली में हुआ था। जिन्होंने ने वर्ष 1875 में यूपी के अलीगढ़ में एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज की स्थापना की जो वर्तमान में सेंट्रल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से प्रसिद्ध है। जहां आज भी हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।

यही नहीं आज के तारिख में सेंट्रल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लाखों छात्र-छात्राएं बिहार से लेकर देश-विदेश कई इलाकों में ऊंचे-पद पर सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों में अपनी-अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वो उर्दू के एक अच्छे साहित्यकार भी थे। जिन्होंने अपना सारा जीवन मुस्लिम समुदाय के लोगों में शिक्षा के पिछड़ेपन को दूर करने व उन्हें शिक्षित बनाने के लिए लगा दिया। 80 वर्ष के आयु में 27 मार्च 1898 ई में इनका देहांत हो गया। आज उनकी 206 वीं जयंती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मो अकील अहमद एवं मंच संचालक एएमयू के पूर्व छात्र नेता अबु फरह शाजली व एएमयू छात्र शारिक कमर ने किया।

इस मौके पर सैयद अब्दूल मन्नान अशरफ, मो. तहसीन रजा, मो.मोदस्सीर आलम, वसीम बारी राजा, मो.अब्दुल्लाह, मो. कमर आलम, मो. काशिफ आलम, मो. मन्नान आलम, अंसार मोकद्दम, मो. तस्लीम, मो.मिनहाज आलम, मो. तनवीर आलम, अली इमाम, मो. फिरोज, मो. शाजिद अख्तर, मो. शारिक कमर, मो. ताहिरुल हसन, मो. तारिक आदि मौजूद रहे।