जमींदार ने डीएम सहित अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर लगाई न्याय की गुहार
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) अनुमंडल क्षेत्र के सलखुआ प्रखंड अन्तर्गत कटघरा मौजा की एक केवाला से प्राप्त निजी जमीन का बासगीत पर्चा महादलित परिवारों को काट दिया गया। अब जमींदार वरीय अधिकारियों को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगा रहा है।
पीड़ित पंकज कुमार निराला ने आवेदन में कहा कि मेरी पत्नी सबिता देवी, भाभी सुनैना देवी के नाम से 22 जुलाई 21 को रजिस्ट्री केवाला से 1 एकड़ 90 डीसमल जमीन खरीद कर उसका मोटेशन करा माल गुजारी रसीद कटा अब तक जोत अबाद कर अपनी जीविका चला रहे हैं।
हाल के दिनों में अंचलाधिकारी सलखुआ श्यामकिशोर यादव उक्त जमीन का कुछ महादलित परिवारों के नाम से बासगीत पर्चा काट दिया। पीड़ित ने बताया कि उसके केवाला वाला जमीन के बगल में दर्जनों महादलित परिवारों खेसरा 1232 एवं 1235 रकवा 03 एकड़ जमीन में बसे हुए है जिस जमीन पर पहले भी महादलित परिवारों को पर्चा काटा गया था। हाल के दिनों में अंचलाधिकारी ने उक्त जमीन में से बचे रकवा का बासगीत पर्चा नहीं काट उसके खरीद वाली जमीन में बासगीत पर्चा काट दिया।
पीड़ित ने आरोप लगाया है कि सीओ जानबुझ कर उसके खरीदगी जमीन में मोटी रकम लेकर परेशान करने की नियत से ये कार्य किया है। वहीं पीड़ित ने बताया कि सबसे मजेदार बात यह है कि सीओ के आदेश संख्या 440/29 अप्रैल 22 से अमीन ने 27 मई 22 को मेरे जमीन का मापी कर 1 एकड़ 90 डीसमल में पिलर गड़बा मापी रिपोर्ट अंचल को समर्पित कर दिया।
पीड़ित ने कहा अगर थोड़ी देर के लिए मान लिया जाए कि मेरे जमीन में महादलित बसे होते तो बासगीत पर्चा काट दिया जाता तो मान लिया जा सकता था। लेकिन अमीन के मापी प्रतिवेदन से साफ प्रतीक होता है कि मेरे केवाला वाली जमीन जोत आबाद हैं। इस संबंध में सीओ श्यामकिशोर यादव ने बताया जिन लोगों को बासगीत पर्चा दिया गया वह 25 से 30 वर्षों से उस जमीन पर बसा हुआ है और वो भूमिहीन है। बिहार प्रिभीलेजड पर्सन होम स्टिड टेनेंसी एक्ट के तहत बासगीत पर्चा निर्गत किया गया है। सभी बासगीत पर्चा पाने के योग्य है। उनपे लगाया गया सभी आरोप निराधार है वो लोग गलत मनसा से उस पर आरोप लगा रहा है।