डिप्टी सीएम के फरमान बाद भी नहीं सुधरा अस्पताल की व्यवस्था

सहरसा/भार्गव भारद्वाज : सदर अस्पताल में मिशन 60 के तहत कई सुधारात्मक कार्य हुए हैं। अस्पताल चकाचक हुआ है। उनके दीवाल का रंग रोगन हुआ है। नई चमचमाती तख्तियों पर सदर अस्पताल की व्यवस्था का गुणगान भी होता हुआ दिख रहा है। लेकिन सदर अस्पताल की अन्य व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। सदर अस्पताल के कर्मी हम नहीं सुधरेंगे की नीति पर ही चल रहे हैं।

बुधवार को एक तरफ जहां सदर अस्पताल स्थित प्रसव वार्ड के पीछे जलजमाव के छोटे से इलाके में नवजात बच्चे के शव को कुत्ता नोच रहा था। वहीं सदर अस्पताल के भी बेकार पड़े भवन में लावारिस व्यक्ति के सड़ रहे शव से बदबू उठ रही थी।

नवजात बच्चे के शव और लावारिस व्यक्ति के शव के निकट जब लोगों की भीड़ जूटी। कई तरह की कानाफूसी होने लगी। तब सदर अस्पताल प्रशासन सजग हुआ। जिसके बाद जहां नवजात बच्चे के शव को नोच रहे कुत्ते को भगाकर नवजात के शव को दफन किया गया। वही लावारिस व्यक्ति के शव को हटाने के लिए पुलिस को सूचना दी गई।

समाचार प्रेषण तक लावारिस व्यक्ति का शव अस्पताल परिसर में ही पड़ा हुआ दिख रहा था। हालांकि उसे देर शाम तक हटा लेने की भी बातें सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा बताई जा रही थी।

यहां बतातें चलें कि बिहार में बीजेपी से अलग होकर आरजेडी के साथ सत्ता में बनें रहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य व्यवस्था की सुधार के लिए 60 दिनों का वक्त विभाग को दिया था लेकिन सिर्फ अस्पताल का चेहरा चमकाने के अलावे स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।