जमीनी विवाद में परिजन ने लगाया हत्या का गंभीर आरोप, अकेली रहती थी घर में बुजुर्ग महिला
  • पति और पुत्र की पूर्व में हो चुकी थी मौत, इकलौती बेटी रहती थी मुजफ्फरपुर में

सहरसा / भार्गव भारद्वाज : सदर थाना क्षेत्र के कायस्थ टोला वार्ड नंबर 29 निवासी 62 वर्षीय अकेली रह रही बुजुर्ग महिला स्व. उमा शंकर प्रसाद की पत्नी माला सिन्हा की संदेहास्पद स्थिति में उनका शव उनके घर में फर्श पर लेटा हुआ मिला। शनिवार की देर शाम ही उनकी मौत हो गई थी। जिसकी जानकारी आसपास के लोगों को मिली।

चूंकि वे अकेली रह रही थी। इसलिए उनके मृत हो जाने के बाद सभी उनके एकलौती बेटी के आने का इंतजार करने लगे। फिर आसपास के लोगों ने उनके मृत पाए जाने की जानकारी उनकी पुत्री को दिया। वे भी उस दौरान मुजफ्फरपुर स्थित अपने घर से सहरसा के लिए निकल चुकी थी। शनिवार की देर रात करीब 9 बजे जब वे जब सोनवर्षा कचहरी रेलवे स्टेशन तक पहुंची थी। तभी उन्हें मां के शव को घर में होने की जानकारी मिली।

जिसके बाद में रात के लगभग 10 बजे वे मां की हत्या कर देने की जानकारी देने सदर थाना पहुंची। फिर सुबह में आसपास के लोग जुटे। कुछ लोगों ने 112 पुलिस सहायता नंबर पर कॉल करने को कहा। जिसके बाद उन्होंने कॉल किया। कॉल किए जाने के मात्र 12 से 15 मिनट के दौरान ही 112 पुलिस सहायता वाहन मौके तक पहुंच गया। जिसमें सवार पुलिस पदाधिकारियों ने लाश का मुआयना किया। फिर शव मिलने की जानकारी सदर थाना को दी गई। जिसके बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। फिर शव का पंचनामा किया गया।

क्या आरोप लगाया मृतिका की बेटी ने – बेटी माधुरी सिन्हा ने बताया कि उनके पिता की मौत बहुत पहले हो गई थी। उन्हें एक भाई प्रवीण कुमार था। वे काफी नशा करते थे। जिसकी शादी भी हुई। उन्हें एक पुत्री भी हुआ। लेकिन नशे के कारण उनकी पत्नी अपने छोटे बच्चे को लेकर चली गई। फिर उसने किसी और से शादी कर ली थी। जिसके बाद उनके भाई नशे की हालत में ही कोरलाही झपड़ा टोला टोला और सिमराहा स्थित कई बीघे जमीन को औने पौने दाम में बेच दिया।

फिर बीते साल 2020 में 14 अगस्त को कायस्थ टोला वार्ड नंबर 29जयप्रभा नगर निवासी एवं प्रॉपर्टी डीलर धनंजय धनेश उर्फ लाल बाबू ने उनके भाई को मेल में लेकर कोरलाही की जमीन को बेचने के नाम पर गलत पेपर का गलत इस्तेमाल कर कायस्थ टोला की जमीन लिखवा लिया।

उन्होंने बताया कि उक्त कोरलाही की जमीन की रजिस्ट्री के दौरान उनसे भी गवाह के नाम पर हस्ताक्षर करवाया गया था। लेकिन बाद में पता चला कि वह कोरलाही की जमीन नहीं थी बल्कि कायस्थ टोला की जमीन को ही कोरलाही की जमीन बता कर धोखे से रजिस्ट्री करवा लिया था। जिसको लेकर उन्होंने न्यायालय में भी मामला दायर किया था। जो मामला अभी लंबित चल रहा है।

इस दौरान वर्ष 2021 के 15 जुलाई को उनके भाई की भी संदेहास्पद स्थिति में शव पाया गया था। क्योंकि वह काफी नशा करता था। इसीलिए उसे अपने आप मौत समझकर वे लोग उनका दाह संस्कार कर दिए थे। अब घर में एकमात्र अकेली बूढ़ी मां ही रह रही थी। वे भी मुजफ्फरपुर में रहती थी।

इस दौरान उक्त प्रॉपर्टी डीलर लगातार उनकी मां को घर खाली कर देने का दबाव दिया करते थे। बीते 10 जुलाई को भी वे लोग उनकी मां के साथ मारपीट किया था। जिसको लेकर दोनों तरफ से आवेदन दी गई थी। लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। फिर वे वापस मुजफ्फरपुर चली गई। देर शाम वे सहरसा मां से मिलने आ रही थी। तभी उनके मौत होने की सूचना मिली। उन्हें पूरा शक है कि उनकी मां की हत्या धनंजय धनेश उर्फ़ लालबाबू ने ही की है।

वहीं सदर थाना से पहुंचे एसआई ब्रजेश चौहान ने बताया कि देर रात मृत्यु होने की सूचना मिली थी। क्योंकि रात अधिक थी। जिसके कारण पोस्टमार्टम नहीं किया जा सकता था। इसलिए उन्हें घर में ही रहने की हिदायत दी गई थी। सुबह में पुलिस मौके पर पहुंची है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।