29 अगस्त 1942 पर विशेष : शहीदों को नमन करने के लिए स्थापित शहीद टावर बन गया है श्रद्धा स्थल

सहरसा : 29 अगस्त 1942 अंग्रेजों भारत छोड़ो स्वतंत्रता आंदोलन के अमर शहीदों की यादें गांव की गुमनामी की गलियों में धीरे-धीरे समाने लगी है। देश की आजादी में पीठ नहीं बल्कि अपने सीने पर नवहट्टा प्रखंड के एकाढ गांव निवासी धीरो राय, बनगांव उत्तरी निवासी हरिकांत झा व पुलकित कामत, चैनपुर के भोला ठाकुर, बलहा के कालेश्वर मंडल एवं नरियार के केदारनाथ तिवारी ने गोली खाकर गुलाम भारत को आजाद करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।

इन शहीदों में हरिकांत झा एवं पुलकित कामत ही केवल अविवाहित थे। लेकिन आजादी के इन दिवानों पर आज ना तो रोंने वाला है और ना गाने ही वाले हैं। इनकी यादों में प्रशासनिक स्तर पर कभी भी किसी तरह का कोई आयोजन नहीं किया जाता है। काफी मशक्कत के बाद इनकी स्मृति में शहर के चांदनी चौक पर पूर्व विधायक संजीव झा के कार्यकाल में शहीद टावर का निर्माण कराया गया।

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आज टावर भी खंडहर में तब्दील हो रहा है। चारों ओर अतिक्रमण की चपेट में है। किसी न किसी की यादों में लोग कैंडल जलाने शहीद स्थल चांदनी चौक पहुंचते हैं। अगस्त क्रांति में कोसी के जवानों ने पीठ में नहीं बल्कि सीने में गोली खाकर बलूची सेना को खदेड़ने का काम किया था। इन अमर शहीद जवानों की दास्तान सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि जिस कोख से और जिस वंश में ये अमर शहीद पैदा लिए आज उनका हाल जानने वाला तक कोई नहीं है।

रेलवे स्टेशन के करीब है शहीद टावर स्थल, कोई इसको देखने वाला नहीं : 1942 भारत छोड़ाे आंदोलन में कोसी की शहादत को कम नहीं आंका जा सकता। कोसी में 29 अगस्त को क्रांति की आग धधकी और क्रांति की यह आग पूरे उत्तरी बिहार को उद्देेलित कर दिया था। कोसी के दिवानों ने अंग्रेजों एवं बलूची सिपाहियों को पौराणिक हथियारों में ढेलौरी, लाठी, भाला, गरासा, फरसा, तलवार एवं मात्र 10 से 15 नाल बंदूकों के बल पर खदेड़ दिया।

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अगस्त क्रांति के कोसी के महानायक धीरो राय-एकाढ, हरि कांत झा-बनगॉंव, पुलकित कामत-बनगॉंव,भोला ठाकुर-चैनपुर, कालेश्वर मंडल-बलहा, केदारनाथ तिवारी-नरियार, चुल्हाय यादव-मधेपुरा, बाजा साह की याद में एक अदद संग्राहलय भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित सरकार व जिला प्रशासन ने बनवाना मुनासिब नहीं समझा। इस उपेक्षा की वजह से नई पीढ़ी आजादी के दिवानों को भुलने की कगार पर खड़ी नजर आ रही है। इनपुट भास्कर।

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