नालंदा के जिलाधिकारी के रूप में मनरेगा उत्कृष्ट कार्य के लिए प्राप्त कर चुके हैं राष्ट्रीय पुरस्कार

सहरसा : बिहार की नीतीश सरकार ने देर रात 22 आईएएस अफसरों का तबादला किया है। बिहार सरकार ने एक साथ 12 जिलों के डीएम को इधर-उधर किया है। 3 को अतिरिक्त प्रभार दिया है। पटना नगर आयुक्त से लेकर बुडको के डीएम का तबादला किया गया।

तबादला नोटिस

जिनमें सहरसा जिला अधिकारी शैलजा शर्मा भी शामिल है। श्रीमती शर्मा को पथ निर्माण विभाग का संयुक्त सचिव बनाया गया। वहीं सहरसा जिलाधिकारी के रूप में नवादा के जिलाधिकारी कौशल कुमार का तबादला हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईए जानते हैं कौन हैं आपके नये जिलाधिकारी कौशल कुमार…!

2012 बैच के आईएएस अधिकारी कौशल कुमार विकास कार्य के लिए जाने जाते हैं तेजतर्रार आईएएस अधिकारी में गिनती रखने वाले कौशल कुमार में कुशल नेतृत्व क्षमता है। जिनकी वजह से इन्हें मनरेगा योजना में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।

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नवादा जिलाधिकारी के रूप में कार्य करने से पहले वे नगर आयुक्त बिहारशरीफ रह चुके हैं। अगस्त 2017 में वे नवादा के जिलाधिकारी बनाए गए तब से लेकर अबतक वे नवादा में विकास की गाथा लिख चुके हैं। गत वर्ष वे देश के 18 जिलों में मनरेगा योजना में उत्कृष्ट कार्य के लिए नवादा को स्थान दिलाने में कामयाब हो गए थे बिहार में प्रथम स्थान पाने के बाद पीएम के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए थे।

नवपदस्थापित जिलाधिकारी कौशल कुमार (फाइल फोटो)

हालांकि कौशल कुमार इन सब से अलग एक बार पाकेटमारी प्रकरण के बजह से मीडिया की सुर्खियां बने थे जब अक्टूबर 17 में दुर्गा पूजा के दौरान उनका पाकेट मारते एक युवक पकड़ा गया था।

“नवपदस्थापित जिलाधिकारी कौशल कुमार को ब्रजेश की बात आनलाइन न्यूज़ पोर्टल की ओर शुभकामनाएं “

दरअसल, नवादा के डीएम कौशल कुमार बिगहा देवी मंदिर में दर्शन के लिए गए थे लाइन में लगे डीएम साहब के पॉकेट में सोनू नामक एक युवक ने हाथ डाल दिया।गनीमत रही कि डीएम के साथ रहे सुरक्षाबलों ने तत्काल युवक को पकड़ लिया और स्थानीय थाना की पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि आरोपी युवक पॉकेटमारी की बात से इंकार कर गया था उसका कहना था कि वो मंदिर से बाहर निकल रहा था, तभी उसके हाथ से मोबाइल छूट गया था और डीएम साहब की जेब में चला गया था। आरोपी युवक के मुताबिक उसने अपना मोबाइल लेने के लिए डीएम साहब के पॉकेट में हाथ डाल दिया। उसे नहीं मालूम था कि वो जिले के डीएम हैं।

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अब देखना दिलचस्प होगा कि सहरसा जिलाधिकारी के रूप में वे क्या करते हैं इसी वर्ष विधानसभा चुनाव भी है क्या वे विधानसभा चुनाव तक रहेंगे या चुनाव के समय किसी अन्य को जिला की कमान सुबे के मुखिया देते हैं।