बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने 10 लाख मुआवजा की मांग

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) इसी माह के 7 नवंबर को पटना में आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के प्रदर्शन में शामिल सिमरी बख्तियारपुर के चकभारो पंचायत की एक सहायिका अर्पणा देवी का निधन इलाज के दौरान गांव में हो गई। पटना में प्रदर्शन के दौरान अपर्णा देवी वाटर केनन की चपेट में आने से बेहोश हो गई थी। जिसका वर्तमान में गांव में ही इलाज चल रहा था।

निधन की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। वहीं मौत पर बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने 10 लाख रुपए मुआवजा की मांग है। इस संबंध में मृतक सहायिका के पति मंगल सादा ने बताया कि‌ पटना में प्रदर्शन के दौरान वाटर केनन व पुलिस द्वारा प्रदर्शन का विरोध स्वरूप लाठीचार्ज तक किया गया। इस दौरान उसकी पत्नी बेहोश हो गई थी।

स्थानीय स्तर पर इलाज के दौरान स्वास्थ्य लाभ के लिए गांव आ गया। गांव में ही इलाज चल रहा था। आज उसकी मौत हो गई है। इस संबंध में सीडीपीओ सहित अन्य वरीय अधिकारीयों को लिखित सूचना दी है। उन्होंने बताया कि पंचायत के मुखिया की ओर से कबीर अन्त्येष्टि के तहत 3 हजार रूपए दिया है। अन्य सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन भी दिया है।

वही दूसरी ओर बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन (एटक) के राज्य महासचिव कुमार विंदेश्वर सिंह ने सहायिका की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए बिहार सरकार से मृतक सहायिका के पति को तत्काल 10 लाख रूपया एवं उनके परिजनों में किसी एक को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदर्शन के दौरान बर्बरता पूर्वक प्रदर्शन को रोकने का काम किया। जिसकी वजह से कई कार्यकर्ता बेहोश हो गई थी। आज उसमें से एक की मौत हो गई।

यहां बताते चलें कि मृतक सहायिका अर्पणा देवी अपने पीछे 6 पुत्री और 1 पुत्र छोड़ गई है। अब उनका भरण-पोषण की जिम्मेदारी उसके गरीब व बेरोजगार पिता पर आ गया है। मौत पर संवेदना व्यक्त करने वालों में सेविका सहायिका संघ के प्रखंड अध्यक्षा नुरून नेहार, कंचन कुमारी, वीना देवी सहित दर्जनों स्थानीय लोग मौजूद थे।