दो संदिग्ध युवक को अस्पताल उपाधीक्षक ने कड़ी फटकार लगा दी चेतावनी

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) इन दिनों अनुमंडलीय अस्पताल में निजी नर्सिंग होम के दलाल सक्रिय रहकर अस्पताल में आने वाले मरीजों को अच्छे इलाज का प्रलोभन देकर निजी नर्सिंग होम में पहुंचा कर कमीशन की राशि लिए जाने की बात आम हो गई है।

अनुमंडलीय अस्पताल, फाइल फोटो

मंगलवार को ऐसा ही मामला सामने आया। जब अनुमंडलीय अस्पताल के एक्स-रे रूम में दो युवक को संदिग्ध स्थिति में घुमते और मरीज से बात करते देखे जाने पर अस्पताल में कार्यरत गार्ड पकड़ दोनों से पूछताछ किए जाने पर उसके द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गार्ड ने अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा और अस्पताल प्रबंधन महबुब आलम को इसकी सूचना दी।

जिसके बाद दोनों युवकों ने अस्पताल के गार्ड को देख लेने की धमकी तक दे डाली। गार्ड द्वारा दिए गए सूचना पर पहुंचे अस्पताल उपाधीक्षक एन के सिन्हा और अस्पताल प्रबंधक महबूब आलम ने दोनों युवकों से पूछताछ किया तो दोनों युवकों ने टाल मटोल जबाव देते हुए बताया कि वह एक निजी नर्सिंग होम में काम करते हैं।

जिसपर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नरेंद्र कुमार सिन्हा ने दोनों कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आगे से अस्पताल परिसर में उसे देखे जाने पर पकड़कर पुलिस के हवाले करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी कि चेतावनी देते हुए छोड़ दिया।

इस मामले को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक और अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि बीते कई दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि अस्पताल परिसर में निजी नर्सिंग होम के सदस्य सक्रिय हैं और भोली भाली मरीजों को अच्छे इलाज का प्रलोभन देकर अपने चयनित निजी नर्सिंग होम में लेकर चले जाते हैं और उससे इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल करते हैं। उन्होंने बताया कि दोनों युवकों की पहचान की जा रही है।

यहां बतातें चले कि सिमरी बख्तियारपुर में निजी नर्सिंग होम का धंधा बड़े पैमाने पर फल फुल रहा है। छोटे मोटे करीब एक दर्जन निजी नर्सिंग होम का बोर्ड लटका कर निजी नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। भोली भाली जनता को पता नहीं चलता है कि कौन से अस्पताल सही है कौन सा अस्पताल गलत है। वहां इलाज के लिए फंस जाते हैं।

छोटी मोटी बीमारी में भी भारी-भरकम रकम खर्च करनी पड़ जाती है। कई बार तो जान गंवाने की कीमत चुकानी पड़ती है। गत दिनों एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मौत उपरांत सेटिंग गेटिंग के आधार पर मरीज के परिजनों को मोटी रकम देकर स्टांप पेपर पर अनापत्ति लिखा मामले को रफा दफा कर दबा दिया।