तीन कारोबारी गिरफ्तार, ट्रेन के कर्मी भी हुए गिरफ्तार, आरपीएफ की कार्रवाई 

सहरसा/भार्गव भारद्वाज : शराब तस्कर शराब तस्करी के लिए नए-नए रास्ते और तरीके को अपना रहे है। सड़क मार्ग के अलावे अब वे रेल मार्ग को भी शराब तस्करी का अच्छा रास्ता तलाश लिया है। जिसके वातानुकूलित कोच से शराब की तस्करी की जा रही है। जिसमें रेल के कर्मी भी शामिल होते हैं। जिससे उनके रास्ते आसान हो जाते है।

मंगलवार को भी बांद्रा हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन से शराब लाने की सूचना आरपीएस टीम को मिली। जिसके बाद स्थानीय आरपीएफ इंस्पेक्टर बंदना कुमारी और सब इंस्पेक्टर रवि रंजन के नेतृत्व में टीम का गठन हुआ। जैसे ही बांद्रा हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन संख्या- 222913 सहरसा जंक्शन पहुंची। वैसे ही आरपीएफ की टीम ने उक्त ट्रेन के कोच संख्या- बी/7 को घेर लिया।

उक्त कोच से उतर रहे एक-एक यात्री की तलाशी ली गई। जिससे उतरे दो यात्रियों को रोका गया। जिनके बैग से कुल 89 बोतल अवैध विदेशी शराब बरामद किया गया। फिर उनके निशानदेही पर एक रेल कर्मी को भी गिरफ्तार किया गया। वे ट्रेन में खानपान पहुंचाने के कार्य के आड़ में शराब तस्कर को मदद दे रहे थे।

आरपीएफ सब इंस्पेक्टर रवि रंजन कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि बांद्रा हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन से शराब की खेप पहुंच रही है। सूचना पर कार्रवाई की गई। ट्रेन संख्या 222913 के कोच संख्या बी/7 से पश्चिम चंपारण जिला निवासी हरिओम प्रसाद के पुत्र सुमित कुमार की गिरफ्तारी हुई। वे वर्तमान में स्थानीय गांधी पथ निवासी पन्नालाल कुमार के लॉज में रहते हैं।

वही दूसरे शराब कारोबारी गांधी पथ निवासी पन्नालाल कुमार के पुत्र अंकित कुमार थे। जिनके मकान में सुमित कुमार रहते थे। उनकी भी गिरफ्तारी हुई है। उन दोनों के बैंग से कुल 89 बोतल में कुल 36.60 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद हुआ है। वही उन दोनों शराब कारोबारियों की निशानदेही पर मध्य प्रदेश के रीवा गांव निवासी बसंत प्रसाद के पुत्र प्रमोद शर्मा की गिरफ्तारी हुई है। वे आईआरसीटीसी के तहत बांद्रा हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन में वेड-रोल पहुंचाने के कार्य करते थे।

जिसके आर में वे शराब तस्करों को मदद देकर शराब तस्करी के धंधे में लिप्त थे। तीनों शराब कारोबारियों की गिरफ्तारी कर ली गई है। जीआरपी में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।