लिंक पर क्लिक कर पढ़ें सांसद दिनेशचंद्र यादव ने किन-किन बिन्दुओं पर क्या दिए थे सुझाव
सहरसा से भार्गव भारद्वाज की रिपोर्ट : पूर्व-मध्य रेलवे के समस्तीपुर रेल मंडल डिवीजन संसदीय समिति की बैठक में मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव ने रेलवे विभाग को सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, बनमनखी सहित आसपास के अन्य रेलवे स्टेशनों में रेल यात्रियों की सुख-सुविधा तथा आम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कुल 15 सुझाव दिए थे।
उन सभी सुझाव पर रेलवे विभाग और डिवीजन द्वारा साकारात्मक पहल की गई है। जिससे उम्मीद की जा रही है की सांसद के सुझाव पर कार्रवाई होगी। मधेपुरा सांसद ने कहा था कि कोरोना काल से पूर्व जितने भी पैसेंजर रेल गाड़ी सहरसा पूर्णिया के बीच चलती थी। उन सभी रेलगाड़ियों को फिर से चलाई जाने की बात कही थी।
उनके इस सुझाव पर रेल विभाग ने बताया कि पूर्णिया से सहरसा के लिए कोरोना काल के पूर्व एवं समय सारणी में उपलब्ध तीन सवारी गाड़ियों का परिचालन फिर से शुरू हो रहा है।
दूसरे सुझाव में सांसद ने कहा था कि पूर्णिया एवं सहरसा जिला मुख्यालय है। यह व्यवसायिक केंद्र भी है। इनके बीच ट्रेन नहीं चलने से रेल यात्रियों को भारी कठिनाई होती है। पूर्णिया से दिन में 11 बजे सहरसा के लिए पैसेंजर ट्रेन खुलती है। उसके बाद अगले दिन सुबह 6 बजे दूसरी गाड़ी खुलती है। उसी तरह सहरसा से सुबह 6 बजे ही दूसरी पैसेंजर गाड़ी खुलती है। इसलिए पूर्णिया से 4:30 बजे शाम में सहरसा के लिए पैसेंजर गाड़ी चलाई जाए। साथ ही सहरसा से पूर्णिया के लिए दोपहर में पैसेंजर गाड़ी चलाई जाए।
उनके इस सुझाव पर रेलवे द्वारा जवाब दिया गया है कि एक नई गाड़ी ट्रेन संख्या 05226 शाम के 5:55 बजे सहरसा से पूर्णिया चलाई गई है।
तीसरे सुझाव में सांसद ने कहा था कि मधेपुरा से बुधमा के बीच स्पेशल ढाला संख्या 90 पर आरओबी का निर्माण कराई जाए। वहीं चौथे सुझाव में सांसद ने कहा कि सहरसा से बैजनाथपुर के बीच ढाला संख्या 105 पर आरओबी का निर्माण कराई जाए। जिस पर रेलवे द्वारा जवाब दिया गया है कि ढाला संख्या 105 एनएच 107 के अंतर्गत आता है। अतः ढाला संख्या 105 पर एनएचएआई द्वारा निर्माण कराया जाना है।
पांचवे सुझाव में सांसद ने बैजनाथपुर स्टेशन से मिठाई स्टेशन के बीच फाटक संख्या 98 सी पर अंडरपास बनाने का सुझाव दिया था। जिसमें 5 फीट पानी लगा हुआ है। उसे आवागमन लायक बनाया जाए।
सांसद ने छठा सुझाव देते हुए बताया कि सहरसा से बनमनखी जंक्शन के बीच जो स्टेशन पड़ते हैं। उसके प्लेटफार्म का उच्चीकरण करना आवश्यक है। सांसद ने सातवें सुझाव में सहरसा जंक्शन से टाटा भाया भागलपुर ट्रेन चलाने की मांग रखी। आठवें सुझाव के रूप में सांसद ने कहा था कि सहरसा जंक्शन से बेंगलुरु साउथ इंडिया के लिए ट्रेन चलाई जाए। जिस पर रेलवे ने बताया है कि स्टेबलिंग लाइन तथा प्लेटफार्म की कमी के कारण नई गाड़ी का परिचालन संभव नहीं है।
नौवे सुझाव में सांसद ने सहरसा स्टेशन पर वीआईपी रूम बनाने की मांग रखी थी। जिस पर रेल मंत्रालय ने कहा कि इसे संज्ञान में लिया गया है। कार्य प्रस्तावित किया गया है। दसवें सुझाव के रूप में सांसद ने प्रस्तावित केंद्रीय विद्यालय मधेपुरा के लिए मधेपुरा विद्युत रेल इंजन कारखाना में 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग रखी थी। ग्यारवें सुझाव में सांसद ने कहा था कि बैजनाथपुर सहरसा के बीच झपड़ा टोला रेल फाटक संख्या – 106 पर एक से डेढ़ घंटा मालगाड़ी रुकने से आवागमन अवरुद्ध हो जाता है।
सहरसा में ट्रैक खाली नहीं रहने पर मालगाड़ी को बैजनाथपुर स्टेशन पर ही रोक दिया जाए। ताकि आवागमन बाधित नहीं हो। इस पर रेलवे द्वारा बताया गया है कि सुझाव संज्ञान में लिया गया।
बारहवें सुझाव के रूप में सांसद ने सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर वैशाली एक्सप्रेस का 2 मिनट का ठहराव दिए जाने की मांग रखी थी। इस पर रेलवे द्वारा बताया गया है कि सुझाव को कार्यालय के पत्रांक और दिनांक 29 अप्रैल को रेलवे बोर्ड को सूचित किया गया है।
तेरहवें सुझाव में सांसद ने सहरसा जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या दो और तीन के बीच पूर्व से बने पथ का जीर्णोद्धार कराने की मांग रखी थी। चौदहवें सुझाव के रूप में सांसद ने सहरसा जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में झंडा और स्टीम रेल इंजन लगाए जाने की मांग रखी थी। साथ ही पार्क का निर्माण कराए जाने की भी मांग रखी थी। जिस पर रेलवे ने जवाब देते हुए बताया है कि सहरसा में सर्कुलेटिंग एरिया का विस्तार के माध्यम से काफी सुधार कार्य पहले ही किए जा चुके हैं।
इसके अलावे स्मारक, ध्वज और हेरिटेज स्ट्रीम ट्रेन के माध्यम से सुंदरीकरण पर विचार किया जा रहा है।
पंद्रहवे और अंतिम सुझाव के रूप में सांसद ने सहरसा से सुपौल तक बड़ी रेल लाइन ट्रेन का उद्घाटन जल्द कराने की मांग रखी थी और फारबिसगंज तक आमान परिवर्तन कार्य में तेजी लाने का भी सुझाव दिया। जिस पर जवाब देते हुए रेलवे द्वारा बताया गया इसके लिए वित्तीय वर्ष 22-23 के प्रथम छमाही के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
यहां बतातें चले कि मधेपुरा सांसद दिनेशचंद्र यादव ने 17 फरवरी 22 को समस्तीपुर रेल डिवीजन के संसदीय समिति की बैठक में उपरोक्त मामलों को लेकर सुझाव दिया था जिस पर रेल समिति ने उनके सुझाव पर रेलवे द्वारा किए गए अमल की जानकारी दी।