कलश शोभायात्रा गई निकाली, बृंदावन से आए कथा वाचक का प्रवचन सुनने पहुंच रहे हैं श्रद्धालुओं

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) नगर परिषद क्षेत्र के हटियागाछी स्थित काली मंदिर के प्रांगण में सात दिवसीय श्रीमद् भागवद कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया। कलश यात्रा यज्ञ स्थल से निकल उच्च विद्यालय मैदान होते हुए स्टेशन चौक, मुख्य बाजार, ब्लॉक चौक, डाकबंगला चौराहा से नगर परिषद के विभिन्न मार्गो से पुनः काली मंदिर पहुंची। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओ की भीड़ उमड़ पड़ी।

वहीं मथुरा के बृंदावन से पहुंचे कथावाचक पंडित चतुर नारायण द्वारा कथा के प्रथम दिन कथा के महत्व के बारे में बताया गया। कथा वाचक ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। तभी परीक्षित जी की सभा में शुकदेव जी ने कथामृत के बदले में अमृत कलश नहीं लिया। ब्रह्माजी ने सत्यलोक में तराजू बाँध कर जब सब साधनों, व्रत, यज्ञ, ध्यान, तप, मूर्तिपूजा आदि को तोला तो सभी साधन तोल में हल्के पड़ गए।

और अपने महत्व के कारण भागवत ही सबसे भारी रहा। श्री चतुर ने कहा कि यह ग्रन्थ शाश्वत उन्हीं का स्वरुप है। पठन-पाठन व श्रवण से तत्काल मोक्ष देने वाले इस महाग्रंथ को सप्ताह-विधि से श्रवण करने पर यह निश्चय ही भक्ति प्रदान करता है। इस मौके पर अरुण भगत, विनय भगत, संजय भगत, निर्मल भगत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।