रद्द जमाबंदी का भी वर्तमान में ऑनलाइन कट रहा है अद्यतन रसीद

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : अंचल कार्यालय सिमरी बख्तियारपुर में अजब-गजब कारनामा आए दिन सामने आता रहता है। अंचल में व्याप्त भ्रष्टाचार की वज़ह से आए दिन भूमि विवाद में अपराधिक घटनाएं आम बात हो गई जिसकी वजह से हत्या तक हो जाती है। इन सब भूमि विवाद की असली जड़ अंचल में हो रहे भ्रष्टाचार है।

सिमरी बख्तियारपुर अंचल कार्यालय में रद्द जमाबंदी का अद्यतन ऑनलाइन रसीद तो कट ही रहा है, इतना ही नहीं रद्द होने के बाद उस जमाबंदी से दाखिल ख़ारिज कर नया जमाबंदी भी कायम कर दिया गया है। मामला वित्तीय वर्ष 2019-2020 है। इस संबंध में सुदर्शन यादव, धर्मवीर दास, रीना भारती सहित अन्य ने सीओ को शिकायत कर इस मामले में दोषी पर कार्रवाई की मांग किया है।

क्या है मामला : अंचल कार्यालय में जमाबंदी संख्या 385/3 श्री पासवान के नाम से दर्ज था। दर्ज जमाबंदी को अपर समाहर्ता सहरसा के कोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने सुनवाई उपरांत दर्ज जमाबंदी 385/3 को रद्द करने का आदेश पारित कर दिया गया। उक्त आदेश का पालन करने के लिए अंचल कार्यालय को भी निर्देशित किया गया।

सितंबर 2019 में रजिस्टर टू में रद्द किया गया दर्ज : जमाबंदी रद्दीकरण वाद संख्या 12/19 के आलोक में अंचल कार्यालय ने ज्ञापंक 1160 दिनांक 28 अगस्त 20 के आलोक में राजस्व कर्मचारी ने 19 सितंबर 20 को जमाबंदी रद्द कर रजिस्टर टू में अंकित कर दिया।

रद्द के बाद हुआ दाखिल-खारिज : रजिस्टर टू में रद्दीकरण दर्ज होने के बाद अंचल कार्यालय ने उस जमाबंदी से दाखिल ख़ारिज बाद चला नया जमाबंदी नीतू कुमारी के नाम से दिसंबर में कायम कर दिया। इतना ही नहीं रद्दीकरण के पहले भी उपरोक्त जमाबंदी 385/3 से तीन अन्य जमाबंदी कायम की गई है।

रद्द जमाबंदी से बनें जमाबंदी का क्या होगा : अब देखने वाली बात होगी कि जो जमाबंदी रद्द किया गया है उस जमाबंदी से कायम की गई चार जमाबंदी का क्या होगा। वहीं रद्द किए गए जमाबंदी का रकवा किस जमाबंदी में पुनः अंकित किया गया।