जानें बजट पर क्या है राय सत्ता व विपक्ष कि, हमारे संवाददाता भार्गव भारद्वाज की विशेष रिपोर्ट
सहरसा : आजादी के 75 वें वर्ष में अमृत महोत्सव काल में केन्द्र सरकार द्वारा पेश केन्द्रीय बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त किया जा रहा है। बजट जहां सत्ता पक्ष ने सराहा है वहीं विपक्ष ने बजट को नकार दिया है। आईए जानते हैं कि आम बजट पर क्या कह रहे हैं सत्ता व विपक्ष के लोग…!
जदयू प्रदेश सचिव प्रभात झा ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के द्वारा पेश किया गया बजट सकारात्मक एवं स्वागत योग्य है। जिस प्रकार से सरकार ने देश के विकास को गति प्रदान करने के लिए इस बजट के माध्यम से कई साकारात्मक कदम उठाए हैं। इस बजट में समाज के प्रत्येक तबके किसानों, युवाओं एवं महिलाओं सबका ध्यान रखा गया है। प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान दिया है। इससे बिहार के गरीब किसानों को फायदा होगा। लागत कम होगी आमदनी ज्यादा होगा। पिछले वर्ष से इस वर्ष बेहतर एवं संतुलित बजट पेश की गई है। आमलोगो को इससे फायदा होगा। इस बेहतरीन बजट के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बहुत बहुत बधाई।
वही भारतीय जनता पार्टी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक डॉक्टर शशिशेखर झा सम्राट ने लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के द्वारा पेश किए जाने पे अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह आम बजट गाँव गरीब किसान ओर मध्यमवर्गीय लोगों के लिए रामवाण है। युवा के लिए 60 लाख नौकरी, 25 हजार किलोमीटर एन एच सड़क में बढ़ोतरी, आईटीआर में गड़बड़ी में दो साल सुधार का समय, कृषि क्षेत्र में एमएसपी में अधिक से अधिक ख़रीददारी किया जाएगा। आरबीआई डिजिटल करेंसी जारी करेगा। यह ब्लैकचैन तकनीक पर आधारित होगी। को-आपरोटिव के लिए 15 प्रतिशत टैक्स कम किया गया है। को-आपरोटिव के लिए 12 फ़ीसदी से घटाकर 7 फ़ीसदी किया गया है। 1-10 करोड़ के बीच इनकम वाली दिब्यांगो के लिए इंश्योरेस मे कर राहत दी गयी है। केंद्र सरकार 14 फीसदी एन पी एस में टैक्स डिडक्शन 10 से बढ़ा कर 14 फ़ीसदी किया गया। राज्य सरकार के लिए कर दिया है।पी एम आवास योजना के तहत 80 लाख घरो का निर्माण के लिए 48 हज़ार करोड़ प्रावधान किया गयाहै।
भाजपा जिलाध्यक्ष दिवाकर सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री के द्वारा पेश आम बजट अब तक का सबसे उत्तम बजट पेश की है। एनडीए की डबल इंजन वाली सरकार बजट में रोजगार और गरीबों के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान एमएसएमई को मजबूत करने के लिए ई-श्रम पोर्टल और पीएम ई- विद्या प्रोग्राम के तहत डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना, 400 नई पीढ़ी की वंदे मातरम ट्रेन चलाने का प्रावधान, एमएसपी का भुगतान के साथ-साथ गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती का बढ़ावा सहकारिता का उत्थान और आत्मनिर्भर भारत एवं मेक इन इंडिया के तहत बेरोजगारों को रोजगार आदि गरीबों किसानों बेरोजगारों के लिए बहुत सारे प्रावधान किया गया है। सर्व समावेशी बजट के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा वित्त मंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।
पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष रितेश रंजन ने कहा कि मोदी सरकार में टैक्स में छूट चाहिए तो दिव्यांग होना पड़ेगा। घर चाहिए तो बीपीएल, एपीएल होना पड़ेगा। इंसेटिव चाहिए तो उद्योगपति होना पड़ेगा। कम इंट्रेस्ट पर लोन चाहिए तो किसान होना पड़ेगा। मिडिल क्लास हैं तो थैक्यू से काम चलाना पड़ेगा। किसान, मध्यमवर्गीय परिवार, ओर करोड़ों युवा जो प्राईवेट नोकरी में है जिनका सैलरी 15000 से कम है उसके लिए कोई ठोस कदम नहीं। वहीं कारपोरेट को मिला 3 प्रतिशत का छुट वहीं सरकारी कर्मचारियों को कुछ भी नहीं। इस तरह हम कह सकते हैं इस बार का बजट लोलीपोप है।
वहीं कांग्रेस नेता चांद मंजर ईमाम ने कहा कि बजट में इनकम टैक्स के स्लैब में आमलोगों को राहत की उम्मीद थी लेकिन कोरोना महामारी में अर्थव्यवस्था के चरमराने की वजह से बजट में किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिल पाई। हालांकि दो साल पुराने टैक्स रिटर्न को अपडेट करने की सुविधा देकर खानापूर्ति जरूर की गयी है। स्वास्थ्य सेक्टर और सोशल वेलफेयर में कोई खासा ऐलान नहीं हुआ जो मायूस करने लायक है। हालांकि डिजिटल इंडिया को जरूर बढ़ावा दिया गया है। महिलाओं को भी बजट से विशेष लाभ नहीं मिला। हालांकि साल दर साल बजट में जिस प्रकार से घोषणा की जाती है उतना भी धरातल पर उतर जाएं तो देश में अर्थव्यस्था को तेजी प्रदान होगी।
प्रियदर्शी ने कहा कि आज का बजट आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं पेश किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा नहीं कर पाए हैं। बजट सबका साथ सबका विश्वास के मूल मंत्र पर आधारित नहीं है। महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों व्यापारियों सभी का ख्याल नहीं रखा गया है। कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत कमजोर हुई है। 2022-23 के इस बजट से अर्थव्यवस्था और कमजोर होगी।
राजद के प्रदेश महासचिव धनिकलाल मुखिया ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज के बजट में मोदी सरकार का किसान विरोध चेहरा हुआ उजागर हुआ है। साल 2022 तक किसान की आय दुगनी करने का वादा अब रद्दी की टोकरी में है। खाद पर सब्सिडी काटा गया है। एमएसपी गारंटी की चर्चा भी नहीं। देश में मंहगाई दर 7 प्रतिशत पर खेती का बजट बढ़ा सिर्फ़ 2.7 प्रतिशत, किसान निधी का सिर्फ़ 0.74 प्रतिशत। मंहगाई कम पर कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश पंजाब के चुनाव को देखते हुए बजट दिया गया है।
वहीं जन अधिकार पार्टी के छात्र नेता पुनपुन यादव ने कहा कि इस बजट में बिहार की अनदेखी की गई है। वैसे 60 लाख नौकरियों वही जुमला होगा जैसे प्रत्येक बर्ष 2 करोड़ नौकरियों का वादा। यह बजट आम जनता का कोई भला नहीं होगा। वित्त मंत्री ने 2022-2023 का बजट संसद में पेश किया। यह बजट कॉर्पोरेट पक्षी आम जनता विरोधी छात्र युवा किसान मध्यमवर्ग कर्मचारी को बजट से कोई लाभ नहीं होगा यह बजट निराशाजनक है।