91 वें वर्ष की उम्र में एक निजी अस्पताल में शनिवार सुबह ली अंतिम सांस
  • निधन से साहित्य जगत में शोक, जताया शोक, दी गई श्रद्धांजलि

सहरसा : कोसी सहित उत्तर बिहार में साहित्य के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले इतिहासकार, सुप्रसिद्ध साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ का निधन हो गया है। वे 91 वें वर्ष के उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए। शनिवार की सुबह वे शहर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली ।

उनके निधन पर कई साहित्यकारों ने शोक व्यक्त करते हुए निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कोसी इलाके के बड़े नाम व हिन्दी साहित्य जगत के यशस्वी महान योद्धा जिनके साहित्य और इतिहास सृजन से कोसी क्षेत्र बहुत लाभान्वित हुआ है। डा. हरिशंकर श्रीवास्तव “शलभ” बीते दिन अपने 90 वें बसंत पार कर 91वां में प्रवेश किये थे। आज इनके चले जाने से साहित्य व संस्कृति ठहर सी गई है।

दर्जनों पुस्तक के रचयिता विद्वान साहित्यकार श्री शलभ जी की पहली पुस्तक 1951 में ‘अर्चना’ ने उनके कलम को इस तरह धारदार बनाया कि अविराम चलता रहा और “आनंद, मधेपुरा में स्वाधीनता आंदोलन का इतिहास, शैव अवधारणा और सिंहेश्वर स्थान, मंत्र दृष्टा ऋष्य श्रृंग, कोसी अंचल की अनमोल धरोहरे, कोसी तीर के आलोक पुरुष, अंग लिपि का इतिहास, एक बंजारा विज़न में” जैसे शोध ग्रंथों को आकार दिया। इनकी रचनाओं में मानवता की सनातन भावद्वन्दता की अभिव्यक्ति है।

इसी में से इनकी एक पुस्तक ‘अंग लिपि का इतिहास’ साहित्य में मील का पत्थर है जो आज भी भागलपुर विश्वविद्यालय के अंगिका स्नातकोत्तर वर्ग के पाठ्यक्रम में निर्धारित है। इनकी कई कविताएं आकाशवाणी से भी प्रसारित हो चुकी है। इन्होंने हिंदी साहित्य को इस कदर जिया की 60 के दशक में गीत काव्य में भी छाये रहे।

दिवंगत शलभ जी का आरम्भिक काल राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री, आरसी प्रसाद सिंह, कलक्टर सिंह केशरी, पौद्दार रामावतार अरुण आदि महान साहित्यकारों के सानिध्य में बीता।

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वर्ष 2000 में विश्व हिंदी सम्मेलन, नई दिल्ली द्वारा लन्दन में भारतीय उच्चायुक्त रहे डा. लक्ष्मी मल सिंधवी ने इनकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए इन्हें स्वर्ण पदक सम्मान प्रदान किया तथा सहस्त्राब्दी हिंदी सहित कई सम्मानों से इनको अलंकृत किया गया। शशि सरोजनी रंगमंच सेवा संस्थान को भी संस्थान के संरक्षक होने का गौरव प्राप्त है।

उनके निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में अधिवक्ता अशोक कुमार वर्मा, डॉ. जीपी शर्मा, सतीश कुमार दास, नाट्य निर्देशक कुन्दन वर्मा, युवा कवि मुख्तार आलम, रोहित झा, गगन कुमार सहित अन्य लोग शामिल हैं।

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