मामला महिषी प्रखंड के राजनपुर पंचायत का है। बीडीओ द्वारा की गई कार्रवाई
सहरसा : सुबे के मुखिया नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में अनियमितता बरतने पर अब धीरे धीरे एक्शन होता नजर आ रहा है। पदेन वार्ड सदस्य अध्यक्ष एवं वार्ड क्रियान्वयन समिति सचिव की मनमानी का आलम इस योजना में इस कदर मचा हुआ था कि प्राक्कलन की अनदेखी की बात कौन करें। जैसी मर्जी वैसा कार्य किया गया था। लेकिन अब एक्शन बाद सबके होश उड़ रहे हैं।
अनियमितता बरतने पर कार्रवाई होने का ताजा मामला महिषी प्रखंड के राजनपुर पंचायत से सामने आया है। यहां सड़क निर्माण के नाम पर राशि की निकासी तो हो गई, लेकिन सड़क का निर्माण नहीं हुआ। सड़क निर्माण की राशि से निजी कार्य कर लिया गया। इसपर लोक शिकायत निवारण परिवाद में मामला आने पर मामले की जांच हुई और अब बीडीओ ने संबंधित वार्ड सदस्य और सचिव पर मामला दर्ज कराया है।
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बीडीओ द्वारा लोक शिकायत निवारण परिवाद के आलोक में राजनपुर पंचायत के वार्ड नंबर आठ के वार्ड अध्यक्ष जीरा देवी और वार्ड सचिव अभिनंदन यादव पर महिषी थाना में मामला दर्ज करवाया है। लोक शिकायत परिवाद में स्थानीय ग्रामीण विनोद कुमार ने शिकायत दर्ज कर कहा था कि योजना खोलकर वार्ड सचिव द्वारा सरकारी राशि से अपने घर के पीछे के गड्ढे में मिट्टी भराई की गई और राशि का उठाव सड़क निर्माण के नाम पर कर लिया गया।
बीडीओ द्वारा जांच में भी पाया गया कि उक्त योजना की सड़क किसी भी मुख्य सड़क से नहीं जोड़ी गई है। यह सड़क किसी भी सार्वजनिक उपयोग में नहीं है। इस संबंध में बीडीओ द्वारा थाना में दिए गए आवेदन में कहा गया है कि वार्ड आठ में क्रियान्वित योजना संख्या 2/2018-19 में क्रियान्वित कार्य में अनियमितता बरती गई है। इस योजना में प्रशासनिक देने वाले पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव सहित एमबी करने वाले जेई तथा सहायक अभियंता के क्रियाकलाप को भी बीडीओ के आवेदन में संदेह की दृष्टि से देखा गया है।
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ज्ञात हो कि राजनपुर के वार्ड आठ निवासी विनोद कुमार द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण में दर्ज करवाए गए परिवाद में 16 दिसम्बर को सुनवाई के दौरान योजना में अनियमितता की पुष्टि करते हुए राशि वसूली के आदेश दिया गया था।
तीन लाख रुपये की लागत से बननी थी सड़क : मुखिया और पंचायत सचिव द्वारा वार्ड आठ में योजना संख्या 2/2018-19 बलराम यादव के घर से पश्चिम जाने वाली मुख्य सड़क तक मिट्टी भराई एवं ईट सोलिग कार्य के लिए तीन लाख नौ हजार चार सौ रुपये की प्राक्कलित राशि वाले योजना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके बाद उसके नियमानुसार 60 प्रतिशत राशि एक लाख 85 हजार 6 सौ 40 रुपया वार्ड क्रियान्वयन समिति के सरकारी बैंक खाते में हस्तांतरित की गई।
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योजना क्रियान्वयन को लेकर जेई और सहायक अभियंता द्वारा मई 2020 में कार्य पूर्ण दिखाकर तीन लाख एक हजार 919 रुपये का एमबी भी कर दिया गया। लोक शिकायत निवारण के आदेश का अनुपालन करते हुए बीडीओ द्वारा पहले नीलाम पत्र दायर किया गया, परंतु तय समय सीमा के अंदर अग्रिम उठाव की कुल राशि एक लाख 85 हजार 640 रुपये वापस नहीं करने के बाद महिषी थाना में गबन का मामला दर्ज कराया गया।
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