• मी-लॉर्ड! लव, धोखा मामले में पुलिस आपकी भी नहीं सुन रही, कार्रवाई तो दूर केस भी दर्ज नहीं

कोर्ट ने 22 सितंबर को पुलिस को दिया था आदेश, एफआईआर कर आरोपियों को करें गिरफ्तार

सहरसा : पहले प्यार, फिर अवैध संबंध का वीडियो बनाकर दो वर्ष तक यौनशोषण और फिर गर्भवती होने पर टेबलेट खिलाकर गर्भपात। मानवीय रिश्ते की मर्यादा के साथ-साथ पंचायत के परमेश्वर कहे जाने की उक्ति पर सवाल उठाने वाला यह मामला सदर थाना क्षेत्र का है। इस मामले में बैठी पंचायत ने नाबालिग बच्ची के गर्भ की कीमत ढाई लाख रुपए लगाई थी।

जिसे उस समय आरोपी पक्ष ने स्वीकार तो कर लिया लेकिन बाद में रुपए देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की। लेकिन कई दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद मामला कोर्ट पहुंचा। जहां से 22 सितंबर को प्राथमिकी कर आरोपी को गिरफ्तार कर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने अबतक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

पीड़ित परिवार लगातार थाने का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन न्याय मिलता नहीं दिख रहा है। पीड़ित के पिता ने बताया कि उनकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ उनके दूर के रिश्तेदार दामाद 35 वर्षीय उमा शंकर ठाकुर उर्फ पप्पू ठाकुर पिछले 2 वर्षों से शादी का झांसा देकर पहले प्यार किया। फिर शारीरिक अवैध संबंध बनाया और शारीरिक संबंध का वीडियो भी बना लिया। बाद में उस वीडियो के बल पर दो साल से उनकी बच्ची से लगातार बलात्कार करता रहा।

बच्ची द्वारा विरोध करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई। इस दौरान उनकी नाबालिग बच्ची गर्भवती हुई। बार-बार उल्टी होने पर घर की महिलाओं को शक हुआ। जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो मामला सामने आया। लेकिन मामला रिश्तेदार का होने के कारण गांव में पंचायत हुई। जिसमें लड़के पर शादी का दबाव डाला गया और शादी नहीं करने पर ढाई लाख जुर्माना तय किया गया। आोरपी ने जुर्माना देने की बात स्वीकारी, लेकिन बाद में इंकार कर गए। फिर पीड़िता को शहर बुला गर्भपात की दवा दे दी।

पंचायत में वार्ड पार्षद भी था मौजूद : सामाजिक पंचायत में आरोपी के भाई धनश्याम ठाकुर के अलावा उनके अन्य परिजन मौजूद थे। वहीं वार्ड पार्षद अरुण कुमार निराला के अलावा समाज और परिवार के धीरेंद्र ठाकुर, रामनाथ ठाकुर, भुवनेश्वर ठाकुर, विद्यानंद, सुनील, मनोज, रीना देवी, कौशल्या सहित अन्य मौजूद थे।

22 को कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश : पीड़ित ने पहले थाने में अर्जी दी लेकिन कार्रवाई में देरी पर कोर्ट में पहुंचे। जहां 22 सितंबर को एफआईआर दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी का आदेश दिया। लेकिन केस तक दर्ज नहीं हुआ।

गर्भपात के बाद पीड़िता की बिगड़ी तबियत, इलाज में लगे 35 हजार रुपए : गर्भपात के बाद पीड़िता की तबियत बुरी तरह से खराब हो गई। उसे स्थानीय कारू खिरहरही होल्ट स्थित दिनकर नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने काफी मशक्कत व आपरेशन के बाद बच्ची की जान बचाई। जिसमें 35 हजार रुपए खर्च हुए। अब आरोपी लड़का फरार हो चुके हैं। उनके सारे संबंधी शादी से इंकार कर चुके हैं।

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष : मामला दर्ज कर ली जाएगी। आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। मो. मोज्जबुद्दीन अहमद। इनपुट दैनिक भास्कर।