वर्तमान में चार विधानसभा सीट में तीन पर है राजद का कब्जा, एक पर जदयू है काबिल
- टिकट के लिए भावी प्रत्याशी पटना में है डेरा डाले, उंट किस करवट बैठेगी यह समय के गर्भ में
ब्रजेश भारती : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। तीसरे चरण में 07 नवंबर को सहरसा जिले के चारों विधानसभा सीट पर चुनाव होना है। प्रशासनिक स्तर पर चुनाव को लेकर तैयारी चल रही है। इस बीच किसको कहां से मिलेगी टिकट इस बात की चर्चा चाय पान की दुकान से लेकर पटना तक चल रहा है।
चारों विधानसभा सीट पर में विभिन्न दलों का टिकट पाने के लिए जहां दावेदारों की फौज खड़ी है। वहीं ऐसे लोग पटना व रांची का दौड़ लगाने लगे हैं। बीच-बीच में किसी दल के टिकट कंफर्म किये जाने की अफवाह भी जोरों पर फैल रही है। हालांकि अब तक किसी दल द्वारा किसी प्रत्याशी के नामों की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन चाय पान की दुकान पर राजनीति समीकरण पर हर रोज चर्चा हो रही है।
वर्तमान में तीन पर राजद एक पर जदयू का कब्जा : अगर बाद वर्तमान समय की करें तो सहरसा जिले के चार विधानसभा सीट सहरसा सदर, महिषी, सोनवर्षा राज एवं सिमरी बख्तियारपुर सीट में तीन पर राजद का कब्जा है वहीं एक सीट सोनवर्षा राज विधानसभा पर जदयू काबिल है। महिषी का सीट यू तो रिक्त कहा जा सकता है लेकिन यह सीट अभी राजद के खाते में ही गिनती मानी जाएगी क्योंकि यहां से दिग्गज राजद नेता महरूम अब्दुल गफूर की मौत के बाद दुबारा चुनाव नहीं हुआ है।
2015 के चुनाव से समीकरण भिन्न : गत विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो दो सीट आरजेडी व दो सीट जदयू के राते में चली गई थी दोनों जल एक साथ गठबंधन में चुनाव लडा था। लेकिन इस बार समीकरण उल्टा है। दोनों 2015 का गठबंधन एक दुसरे के चिरप्रतिद्वंद्वी बनें हुए हैं। पिछली बाद जदयू व राजद एक साथ मैदान में उतरी थी। इसबार भाजपा व जदयू एक साथ है। हालांकि एलजेपी का अभी तस्वीर क्लियर नहीं हुआ है कि वो क्या गुल खिलाएगी।
सहरसा सदर विधानसभा : वैसे, हर दल में इस बार टिकटार्थियों की भीड़ लगी हुई है। सहरसा विधानसभा सीट की बात करें तो इसपर राजद का कब्जा है। पार्टी निवर्तमान विधायक अरुण यादव को टिकट देती है या नहीं यह तो वक्त बताएगा लेकिन राजद से टिकट पाने के लिए कई नेता रांची व पटना की दौड़ लगा रहे हैं। ये हाल सिर्फ एक दल में नहीं है एनडीए की बात करें तो यह सीट भाजपा या जदयू के कोटे में जाएगी यह तय नहीं हो पाया है, लेकिन भाजपा से जहां तीन पूर्व विधायक समेत कई पार्टी के नेता दावेदार हैं। वहीं जदयू से भी आधा दर्जन लोग अपनी दावेदारी देने के लिए पटना में जमे हुए हैं। इसके अलावा जन अधिकार पार्टी से भी कई प्रत्याशी अपनी दावेदारी दे रहे हैं।
सुरक्षित सोनवर्षा राज विधानसभा सीट : सोनवर्षा सुरक्षित विधानसभा सीट की बात करें तो इस पर अभी जदयू का कब्जा है, लेकिन लोजपा भी इसपर अपनी दावेदारी जता रही है। वैसे, यह तय माना जा रहा है कि जदयू ही यहां से मैदान में उतरेगी। यहां महागठबंधन से कई दावेदार हैं। जबकि जाप के भी दो दावेदार सामने आए हैं। सोनवर्षा सुरक्षित की वजह से चर्चा में अंतिम पायदान पर नजर आती है।
सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट : वर्तमान समय में यह सीट आरजेडी के कब्जे में है। गत वर्ष हुए उपचुनाव में आरजेडी ने यह सीट जदयू से छीन कब्जा जमा लिया। निवर्तमान विधायक टिकट के प्रति निश्चिंत नजर आ रहे हैं इसके बावजूद आधा दर्जन नेता इस सीट पर टिकट के दावेदारी ठोक अपना गोटी सेंक रहे हैं। वहीं जदयू से भी कई दावेदार हैं लेकिन सबसे आगे नाम पूर्व विधायक का ही माना जा रहा है वे टिकट के प्रति निश्चित है जिसकी वजह से वे कई दिनों से क्षेत्र में जनसंपर्क भी करते नजर आए थे।
महिषी विधानसभा : यह सीट वर्तमान में आरजेडी के खाते में मानी जाएगी। गत वर्ष यहां के विधायक अब्दुल गफूर की निधन के बाद अभी खाली है। महिषी विस सीट पर जदयू और भाजपा दोनों दावा कर रही है। जदयू और भाजपा से एक पूर्व विधायक के अलावा कई ऐसे लोग भी हैं जो चुनाव लड़ने का मंसूबा पाल रखे हैं और पार्टी के शीर्ष नेताओं से संपर्क में हैं। राजद की बात करें तो रिक्त सीट पर जहां राजद का टिकट पाने के लिए कई दौड़ लगा रहे हैं। रालोसपा और जाप में भी यहां कई लोग दावेदारी कर रहे हैं।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि किस पार्टी का टिकट किसे मिलेगा यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन क्षेत्र में इन दिनों कई नामों की चर्चा होती रहती है। सोशल मीडिया पर किसी भी सूचना को लोग तुरंत फैला देते हैं। इन सबसे से अलग कई युवा चेहरे भी निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन एक बात तो तय है कि यह विधानसभा चुनाव गत विधानसभा चुनाव से हर किसी एंगल से अलग होगा।
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