शिक्षक पुत्र हर्ष सिमतुल्लाह विद्यालय का है छात्र, प्रारंभिक शिक्षा सहरसा में हुआ
- आगे आईआईटी की परीक्षा बना रखा है लक्ष्य, सेल्फ स्टडी को बताया सफलता का राज
सहरसा से V & N की रिपोर्ट : कौन कहता हैं आसमान में सुराख़ नहीं होता,एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो “भले ही यह शेर हो पर ऐसा ही कमाल किया कोशी का एक लाल ने। जिसने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में राज्य में पांचवा स्थान प्राप्त कर न सिर्फ सहरसा जिले का बल्कि समूचे कोशी क्षेत्र को गौरवान्वित किया।
सच्ची निष्ठा और लगन से की गयी मेहनत से मनुष्य न केवल अपना मुकाम हासिल करता हैं बल्कि अपने कृत्य से परिजनों सहित समाज को भी गर्व करने का अवसर देता हैं। शनिवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मात्र 38 दिनों में जारी किए गए दसवीं बोर्ड की परीक्षा का परिणाम प्रकाशित कर दिया है।
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सहरसा जिला के तीरी पंचायत के लक्षमिनियाँ गांव के मूल निवासी एवं शहर के गांधी पथ एवं कहरा प्रखंड के बसौन मध्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में पदस्थापित संजय कुमार व जानकी देवी के होनहार बड़े पुत्र हर्ष कुमार ने समूचे बिहार में मैट्रिक की परीक्षा में पांचवां स्थान प्राप्त किया।
हर्ष की प्रारंभिक शिक्षा बसौना गांव स्थित मध्य विद्यालय से ही हुआ है । जहां वह आठवीं तक की शिक्षा ग्रहण किया ।इसके बाद नौवीं से दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण करने सिमतुल्ला गया। वहीं से उसने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में पांचवीं स्थान प्राप्त कर के अपने गांव व समाज सहित पूरे कोशी को गौरवान्वित किया है।
इस बावत जहाँ माता पिता अपने बच्चे की सफलता से गौरवान्वित हैं वहीं सफलता का परचम लहराने वाले हर्ष ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देते हुये कहा कि वह आगे आईआईटी के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाएंगे।
वहीं उसने कहा कि सच्ची लगन व मेहनत से पढ़ने वाले छात्र अपनी मंजिल निश्चित हासिल करते हैं। साथ ही उसने अपनी सफलता में सेल्फ स्टडी को अति महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि जो भी छात्र इस पर ध्यान देंगे वह पढ़ाई में निश्चित रूप से अव्वल रहेंगें।
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सच मायने में गांव के इस लाल ने पढ़ाई में ऐसा कमाल कर दिया जिससे न सिर्फ सहरसा बल्कि समूचा कोशी क्षेत्र बिहार में गौरवान्वित हुआ। सफलता पर कई लोगों ने बधाई दी है।