वीरता पुरस्कार के रूप में पत्नी को दिया 50 हजार रूपए चेक


शहीद के परिजनों को दिया जाएगा हर संभव सहायता : डीजीपी


बलवाहाट ओपी पहुंच डीजीपी ने किया निरीक्षण,ओपी का होगा कायाकल्प


शहीद के गांव सरोजा से (सहरसा) से लौटकर ब्रजेश भारती/भार्गव भारद्वाज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-


बिहार के डीजीपी के एस द्विवेदी ने रविवार को सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल अन्तर्गत सरोजा गांव निवासी मुठभेड़ में शहीद हुए खगड़िया जिले के पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह के घर पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि दे परिजनों से मिल सांत्वना देते आ शहीद की पत्नी को वीरता पुरस्कार के रूप में पचास हजार रुपए का चेक प्रदान किए। 

सबसे पहले डीजीपी बलवाहाट बाजार स्थित अपूर्वा उच्च विद्यालय के मैदान स्थित बनाए गए हैलीपेड पर हेलिकॉप्टर से लैंड किए। वहा से उनका काफिला सड़क मार्ग से सरोजा के लिए प्रस्थान किया। 

सबसे पहले शहीद के घर पहुंच उन्हें श्रद्धा के सुमन शहीद आशीष के चित्र पर माल्यार्पण किए। उसके बाद डीजीपी द्विवेदी शहीद की पत्नी सरिता देवी व मां रूकमणी देवी से मिल सांत्वना दी। डीजीपी ने शहीद की पत्नी को वीरता पुरस्कार के रूप में पचास हजार रुपए का चेक सौंपा। 

उन्होंने परिजनों को हर संभव पुलिस प्रशासन की ओर से देने की बात कही। पत्नी ने कहा कि इनके पिता की इच्छा थी कि दोनों बच्चे आईपीएस बनें। उन्होंने कहा कि शहीद आशीष जैसा ही हमको पति मिले यही इक्छा है। 

इस मौके पर डीजीपी के एस द्विवेदी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मैं यहां कुछ देने नही आया हूँ बल्कि अपने जांबाज बहादुर शहीद के परिवार को सम्मान देने आया हूँ। साथ ही डीजीपी ने सरकार द्वारा प्रदत्त दस लाख रुपये और शहीद को मरणोपरांत पचास हजार रुपये वीरता सम्मान भी शहीद के पत्नी को दिया। साथ ही कहा कि शहीद की पत्नी को तृतीय वर्ग की नोकरी भी मिलेगी बसर्ते शहीद की पत्नी के इच्छा पर है। क्योंकि वे इंटर की हुई है हमे लगता है को उन्हें जॉब करनी चाहिए।साथ ही उन्होंने कहा कि आज पूरे देश मे पुलिस सहादत दिवस है इसलिए अपने वीर बहादुर जांबाज शहीद आशीष को सम्मान देने आया हूँ।साथ डीजीपी के साथ आईजी दरभंगा और कोशी प्रक्षेत्र के डीआईजी समेत कई पुलिस अधिकारी रहे मौजूद।

डीआईजी शहीद के यहां से निकल बलवाहाट ओपी पहुंच निरीक्षण किया वहीं उन्होंने हल्का अल्पाहार भी किए। उन्होंने बलवाहाट ओपी की स्थिति देख आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि इस ओपी का कायाकल्प होगा। 

वहीं शहीद की पतन्नी ने मीडिया के पूछे सवालात पर रुन्दन करती हुई बोली की हमे गर्व है सात जन्मों तक हमे ऐसा ही वीर पति मिले।साथ ही कहा कि पति का ख्वाब था कि बेटा और बेटी मेरी आईएस और आईपीएस बने उसे बिहार सरकार पुरा कर दे,और हमे कुछ नही चाहिये।

इस मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस के कई वरीय अधिकारियों के अलावे आई जी कुन्दन कृष्णन, दरभंगा प्रक्षेत्र के आई पंकज दराद, रतन सहाय, सुपौल एसपी, मधेपुरा एसपी,सहरसा एसपी राकेश कुमार, एसडीपीओ मृदुला कुमारी, पुलिस उपाधीक्षक गणपति ठाकुर, एसडीओ अरविंद कुमार सहित बड़ी संख्या में थानाध्यक्ष मौजूद रहे।