दिनभर बाजारों में रही चहल पहल, गिफ्ट सेंटरों पर गिफ्ट लेने को लगी रही भीड़

सिमरी बख्तियारपुर ( सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

अनुमंडल क्षेत्र के तीनों प्रखंडों में 5 सितंबर शिक्षक दिवस मनाने को लेकर छात्र-छात्राओं द्वारा जोर शोर से तैयारी की जा रही है। निजी विद्यालय रोज वेली स्कूल रंगिनियां में बच्चों के होने वाले सांस्कृतिक प्रोग्राम के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई। 
सुबह साढ़े नौ बजे से कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करने के बाद किया जाएगा। वही मंगलवार को दिन भर खरीदारी को लेकर बाजारों में काफी चहल पहल देखी गई। गिफ्ट सेंटर व अन्य जेनरल स्टोरों में खरीदारी को लेकर छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रही। एक दिन पूर्व से ही छात्र छात्राएं अपने अपने पंसद के बुके, गुलदस्ता, पेन, डायरी के अलावा अन्य आकर्षक सामग्री की खरीददारी की।
वही रोज वेली स्कूल में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक प्रोग्राम के संबंध में स्कूल प्रबंधन राजीव कुमार,मनोहर डाडला, विपुल कुमार,सफी अहमद ने बताया कि छोटे छोटे बच्चों का शानदार सांस्कृतिक प्रोग्राम रखा गया है। 
दीप प्रज्वलित के बाद अतिथियों को सम्मानित करने का काम किया जाएगा। उसके बाद बच्चों का प्रोग्राम होगा। एक सप्ताह से प्रशिक्षित शिक्षकों के द्वारा बच्चों को प्रोग्राम के लिए तैयार किया गया। 

जानें शिक्षक दिवस को –
पूरा देश में शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन स्टूडेंट्स अपने टीचर्स (Teacher’s) को ग्रीटिंग कार्ड और गिफ्ट्स देते हैं। स्टूडेंट्स अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान को प्रकट करते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में Teacher’s Day Celebration की तैयारी 5 सितंबर (5 September) से कुछ दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं. देश ही नहीं दुनिया भर में शिक्षक दिवस (Happy Teachers Day) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिक्षक दिवस (Shikshak Diwas) क्यों मनाया जाता है और इसे 5 सितंबर को ही क्यों सेलिब्रेट करते हैं। हम में से आज भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें शिक्षक दिवस के बारे में नहीं पता है। ऐसे में आज हम आपको टीचर्स डे के इतिहास (Teacher’s Day History) के बारे में बताने जा रहे हैं।

शिक्षक दिवस का इतिहास –
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंति 5 सितंबर को होती है। उनके जन्मदिन के मौके पर पूरा देश 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाता है। भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। वह पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे।वह पढ़ाई के दौरान काफी खुशनुमा माहौल बनाकर रखते थे। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।