भगवान बलभद्र का आकर्षक प्रतिमा स्थापित कर की गई पुजा अर्चना


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को समाज में पुरजोर रूप से लाने का की बात


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-


प्रखंड के उच्च विद्यालय सिमरी बख्तियारपुर मैदान के पीछे हटिया गाछी स्थित काली मंदिर के प्रांगण में मंगलवार को ब्याहुत संघ सिमरी बख्तियारपुर के बैनर तले भव्य श्री बलभद्र पूजन समारोह का आयोजन किया गया। 

बलभद्र पूजन समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओ ने कहा कि हमें लोग बनियां के दृष्टिकोण से देखते आ रहे हैं, लेकिन वैसे लोग हमारे समाज को समझ ले कि हम अब बनियां नहीं हैं, हमारी ताकत को आंकना नामुमकिन है, अब हम एकजुट हो रहे हैं और शिक्षा, राजनैतिक, सामाजिक कार्य सहित नौकरी पैसा वगैरह में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। जिसका जीता-जागता हमारे समाज में आज का उदाहरण है। आज हम उस मुकाम को छूने में लगे हुए हैं जहां हमारी कभी बुनियाद ही नहीं रहा। 

इसके अलावे वक्ताओ ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का पूरे जोरशोर से अपने समाज के हर तपके के लोगों को अमल करने की बात कहते कहा कि बेटियां को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें उनके माता-पिता प्रोत्साहन भी करते रहें। ताकि उसकी मनोबल कभी कम नहीं हो सके। हम वैश्य समाज से आते हैं, वैश्य समाज न तो तिलक दें और न ही तिलक लेने के लिए सोचे अपने-अपने बच्चों को शिक्षित करें। शिक्षा ही हमारे समाज का मूल पूंजी है।

इधर समारोह के बाद स्कूली बच्चो का सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिस सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने एक-से-बढ़कर एक प्रस्तुति कर लोगों का मन मोह लिया। टैगोर पब्लिक स्कूल के आये बच्चो सिवानी, प्राची, रेश्मि, दीपीका, सहित अन्य बच्चो ने अपनी प्रतिभा दिखाया। 

बलभद्र पूजन समारोह में अनुमंडल क्षेत्र के तीनों प्रखंड सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ एवं बनमा सहित सहरसा जिले और दूसरे जिले से आये लोगों ने भाग लिया। जिसमें सबसे ज्यादा महिलाओ की भागीदारी रही। 

ब्याहुत संघ सिमरी बख्तियारपुर के अध्यक्ष कमलेश्वरी प्रसाद भगत के अध्यक्षता में चली श्री बलभद्र पूजन समारोह में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष सह अधिवक्ता मिथिलेश कुमार, विरेन्द्र कुमार, सचिव विवेक कुमार, शिवशंकर भारती, सुभाष कुमार, रवि कुमार, सोनी जायसवाल, निशा कुमारी, अरूण कुमार वर्मा, भोला भगत, शिवरत भगत, विवेक भगत, कैलाशचन्द्र, सुग्रीवशरण भगत सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।