चार माह के दुधमुंही बच्ची को ले न्याय के लिए पहुंची पुलिस से गुहार लगाने


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-


आखिर कब तक दहेज के लोभी दानवों द्वारा विवाहिता को सताने तरपाने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा यह अहम सवाल अब भी हमारे आधुनिकता की ओर चल पड़े समाज के लिए एक अभिशाप बन तैर रहा है। 

उपरोक्त मामले से ही संबंधित एक ओर मामला सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के सोनपुरा पंचायत के गलफरिया गांव से सामने आया है। 


गोद में चार माह की दुधमुंही बच्ची को लेकर पति सहित ससुराल वालों से प्रताड़ित होकर न्याय की आस में दर दर की ठोकरें खा पुलिस के समक्ष गुहार लगाने पहुंची है।


इस संबंध में पीड़िता खोचरदेवा निवासी मोहन पोद्दार की पुत्री मनीषा कुमारी ने पुलिस को दिए आवेदन में कही कि उसकी शादी वर्ष 2015 में सहमति व राजी-खुशी से सोनपुरा पंचायत अंतर्गत गलफरिया गांव निवासी कैलाश पौद्दार के पुत्र दीपक पौद्दार के साथ सम्पन्न हुआ था । 


शादी में सामर्थ अनुकूल उपहार स्वरूप 5 लाख रूपये के अलावे जेवरात, फर्नीचर, कपड़ा वगैरह अन्य सामान सहित पिता ने अपनी बेटी को विदा किया था, शादी के बाद सब कुछ सामान्य चल रहा था इसी बीच पति दीपक प्रतियोगिता परीक्षा पास कर गया। उसके बाद ससुराल वाले जिनमें पति दीपक पोद्दार सहित ससुर कैलाश पोद्दार, सास जानकी देवी, देवर प्रभाष कुमार, ननद गुंजन देवी एवं अंजन कुमारी ने मनीषा को मायके से 5 लाख रूपया एवं एक मोटरसाइकल की मांग करने के लिए दबाव बनाने लगा। मांग पूर्ति नहीं होने पर मारपीट कर उसे जबरन मायके पहुंचा दिया।

इसके बाद ग्रामीण स्तर  पर पंचायत कर मामले को सुलझा दिए जाने के बाद 26 अगस्त को मनीषा के ससुराल वालों ने उसे विदाई करा ले गया। विदाई में उसके दो भाई सौरभ एवं विशाल भी साथ गए। वहां पहुंचने के बाद फिर से वही नाटक की पुर्नावृति के बाद भाई ने जब विरोध किया तो उन दोनों को भी जमकर पीटा गया। 


वहीं इस संबंध में बख्तियारपुर थानाध्यक्ष रणवीर कुमार से पुछे जाने पर बताया कि पुलिस के द्वारा मामले की छानबीन की जा रही है। पीड़िता को इंसाफ मिलेगा।