सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती।
26 अगस्त यानि रविवार को सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले भाई बहनों का अटुट प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन की तैयारी जोर सोर से चल रही है। त्यौहार को लेकर बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है।
राखी एवं मिठाई की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार,तैलियाहाट, सलखुआ, बलवाहाट, सोनवर्षा कचहरी में सुबह से ही त्यौहार को लेकर चहल पहल बढ़ गई है। हर कोई त्यौहार की तैयारी में जुटे हुए हैं।
शिव जी के प्रिय श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन होने वाले इस पावन त्यौहार में इस बार भद्रा सूर्योदय से पूर्व भी समाप्त हो जाएगी इसलिए बहनें अपने भाइयों निश्चिंत होकर राखी बांध सकती है।
सनातन धर्म की विशेषता रही है कि हर परिवारिक संबंध के लिए त्यौहार मनाने का विधान है रक्षासूत्र भाई को अपनी बहन की बराबर याद दिलाता रहता है।
यह पर्व महाराज दशरथ के हाथों अपने माता-पिता के साथ तीर्थ यात्रा कर रहे श्रवण कुमार की मृत्यु से भी जुड़ा हुआ है इसलिए इस दिन रक्षासूत्र सर्वप्रथम गणेश जी को बांधने के बाद श्रवण कुमार को भी अर्पण किया जाता है रक्षा सूत्र में सरसों, केसर, चंदन अक्षत, दूब जरूर बांधना चाहिए।
रक्षा सूत्र बांधते समय मंत्र का वाचन अवश्य करना चाहिए। राखी दाहिनी कलाई पर ही बांधनी चाहिए संभव हो तो रक्षा सुत्र के बांधने तक भाई और बहन दोनों को उपवास रखें। रक्षा सूत्र बांधने के बाद बहनें भाई को मिठाई खिलाती है भाई अपनी बहन की सुरक्षा और खुशहाली के लिए वचनबद्ध हो जाता है बहन को कपड़े और धन आदि प्रदान करने की परंपरा भी चलता आ रहा है। वहीं अगर आप अपने शत्रुओं से परेशान है तो इस दिन वरुण देवता की पूजा करें वरुण देवता की पूजा आपके शत्रु का नाश कर देगी। आज ही के दिन भगवान विष्णु ने देवताओं की प्रार्थना पर वामन अवतार लेकर राजा बलि को स्वर्ग लोक से वंचित किया था।
धर्म शास्त्रों के अनुसार 12 वर्ष तक चले देव दानव युद्ध में देवराज इंद्र जब दानवों से हारने लगे तब उनकी पत्नी इंद्राणी ने रक्षा सूत्र बांध उन्हें विजयी बनाया था।
राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त
सुबह 7:43 बजे से 9:18 बजे तक चर,
सुबह 9:18 बजे से लेकर 10:53 बजे तक लाभ,
सुबह 10:53 बजे से लेकर 12:28 बजे तक अमृत,
दोपहर 2:03 बजे से लेकर 3:38 बजे तक शुभ,
सायं 6:48 बजे से लेकर 8:13 बजे तक शुभ,
रात्रि 8:13 बजे से लेकर 9:38 बजे तक अमृत,
रात्रि 9:38 बजे से लेकर 11:03 बजे तक चर,
इन मुहूर्तों में राखी बांधी जा सकती है। अमृत मुहूर्त के समय राखी बाँधना बहुत ही फलदायी माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि इसी समय अपने भाई को राखी बाँधें और भाई भी अपनी बहनों से इसी समय राखी बँधवाएँ।