30 सदस्यीय सदन में 17 ने प्रमुख पर जताया अविश्वास


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) Brajesh Bharati.


दो दिनों की बारिश ने जहां सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र में गर्मी से काफी राहत देने का काम किया है लेकिन गुरुवार को एक बड़ी खबर ने यहां के राजनीति के तापमान को काफी बढ़ा दिया।

गुरूवार को एक पत्र अचानक चर्चा का विषय बन गया वह पत्र है सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के दिग्गज प्रखंड प्रमुख सविता देवी पर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव।


22 पंचायतों वाले इस प्रखंड क्षेत्र के 30 सदस्यीय सदन के 17 पंचायत समिति सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख पर अविश्वास जताते हुए विशेष बैठक बुलाने का एक हस्ताक्षरित आवेदन प्रखंड प्रमुख को भेजा गया है।
हस्ताक्षर करने वाले सभी पंचायत समिति सदस्यों ने प्रखंड प्रमुख पर आरोप लगाया कि हमलोग आपके कार्य-कलाप से क्षुब्ध है। इसलिए आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये है। आप कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ से विशेष बैठक बुलाने को कहें।


अविश्वास लगाने वाले समिति सदस्यों में रघुनंदन सिंह, बैजनाथ शर्मा, राहुल कुमार सिंह, मो शकील अहमद, मो जियाउल हक, रुणा देवी, बिमला देवी, सायस्ता जवी, अनिता देवी, शिवशंकर साह, मीना देवी, भवेश पासवान, नीतू कुमारी, बीबी रेहाना, दुखिया देवी, सरिता देवी, एवं गजेंद्र पासवान का हस्ताक्षर है।

कौन है प्रमुख सविता देवी –


इस सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र के रायपुरा पंचायत निवासी पूर्व विधायक प्रत्याशी सह रालोसपा पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेता सह खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के लोजपा सांसद चौधरी महबूब अली केसर के विधानसभा प्रतिनिधी अरविंद सिंह कुशवाहा की पत्नी हैं। यहां के राजनीतिक धुरी की एक कड़ी ये भी है। ऐसे में इनपर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव कई मायनों में अहम है एवं चर्चा का विषय बन गया।


राजनेतिक गलियारों में क्या है चर्चा –


यू तो इस अविश्वास प्रस्ताव का ताना बाना बुधवार को ही चर्चा में आ गया था लेकिन खुलासा पत्र जारी होने के बाद हुआ। गलियारों में हो रही चर्चा को अगर केन्द्र बिन्दु माने तो जिन जिन पंचायत समिति सदस्यों के हस्ताक्षर पत्र में है इनके ही गुट के हैं। ऐसे में ये अविश्वास प्रस्ताव को दुसरे नजरिया के बदले हुए चश्मा से देखा जा रहा है।


एक नेता ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि यह अविश्वास प्रस्ताव भविष्य के मद्देनजर सामने आया है। उन्होंने आगे होने बैठक के दिन का सभी क्रिया कलापों पर से पर्दा उठाते हुए कहा कि तीस में से 17 को एक गुट में है ही बाकी बचे 13 में से भी तीन और जोड़ दे तो 20 की संख्या बल हो जाता है।

ऐसे में विरोधी खेमे में मात्र दस की संख्या बल बचता है चुंकि यह प्रस्ताव जिस गुट ने लाया है उसी गुट के प्रमुख हैं ऐसे में सिर्फ कागजी खानापूर्ति के अलावे कुछ नहीं होगा यह अविश्वास प्रस्ताव।


इस खानापूर्ति के बाद आगे दो सालों के लिए फिर से अविश्वास प्रस्ताव का टेंशन समाप्त हो जाएगा। आगे फिर से विकास की रफ्तार जारी रहेगी।


हालांकि क्रिकेट के खेल व राजनेतिक की विसात पर कब उंट किस करवट बैठेगा यह अंतिम समय तक साफ नहीं रहता है ऐसे में जब तक विशेष बैठक सम्पन्न नहीं हो जाती यह अविश्वास प्रस्ताव चर्चा का विषय बना रहेगा।