यह कोई न्यूज़ नहीं है यह लेख मेरे दिल अजीज दोस्त के नाम एक दोस्त की श्रद्धांजलि है। 


कल का दिन यानि मंगलवार को सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र अन्तर्गत चिड़ैया ओपी के कबीरपुर निवासी श्याम यादव के पुत्र विनय कुमार (36) की मौत घर में लगे बिजली के करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से हो गई। घर में किसी तार का जोड़ तोड़ के दौरान बिजली के झटके ने घर की दिवाल पर गिर गया। आनन फानन में सहरसा के एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। चुंकि सर में चोट गहरी लग गई थी इसलिए ब्रैन हैम्रेज की बजह से शायद इस दुनिया को छोड़ चला गया। 

बात उन दिनों की है जब मैं बोर्ड परीक्षा (दसवीं) की तैयारी के लिए उच्च विद्यालय के बगल स्थित पशुपति भगत निवास (लाज) में एक कमरा अपने एक साथी सुनील बिहारी (बरहकुरबा निवासी) के साथ भाड़े पर लेकर परीक्षा की तैयारी कर रहा था तभी विनय से मुलाकात हुआ। शानदार जानदार एवं जोरदार व्यक्तित्व के स्वामी विनय से मुलाकात कब दोस्ती में बदल गई शायद हम दोनों को पता भी नहीं चला। 


परीक्षा हुआ हम सभी दोस्त सहरसा कालेज सहरसा में परीक्षा दिये। परीक्षा का रिजल्ट इतना खराब उस समय उच्च विद्यालय के छात्रों का रहा जब भेड़ बकरी भी पास करती थी या यू कहें बहती गंगा में हर कोई डुबकी लगा वेतरनी पाड़ कर जाता था। (उस वर्ष मात्र पांच सौ छात्रों में 54 छात्र ही परीक्षा पास कर पाया था) । खैर परीक्षा पास किये सभी दोस्तों की राह आगे की पढ़ाई के लिए अलग थलग पड़ गया। 


मैं आगे की पढ़ाई के लिए देश की राजधानी दिल्ली निकल गया। सुनील व विनय यहीं रह गया। हालांकि बीच बीच में जब भी घर आता पुराने दोस्तों के साथ मुलाकात होती रहती थी। 


समय बीतता गया सब लोग अपने अपने जीवन को आगे बढ़ाते हुए शादी सुदा से लेकर बाल बच्चेदार हो गया। लेकिन जब भी हम लोग मिलते वही पुरानी यादें ताजा हो जाती थी। आज भी हम लोग पुराने दिनों की बातों को संजोए जीवन जी रहे हैं। 

अचानक मंगलवार देर शाम एक पत्रकार मित्र (आयुष) ने मैसेज डाला पता करें कि चिड़ैया ओपी क्षेत्र के कबीरपुर में एक व्यक्ति की मौत करंट लगने से हो गई। चुंकि अखबार प्रिंट का समय खत्म हो गया था इसलिए वो सब कुछ मेरे उपर छोड़ न्यूज चैनल के लिए ब्रेकिंग खबर की पुष्टि कर बना लेने इशारा कर दिया। 


मैं अपने दोस्त विनय का मोबाईल नंबर निकाल पुछताछ के लिए लगा ही रहा था कि आयुष ने मैसेज डाला मृतक के बड़ा भाई राजेश कुमार शिक्षक है। इतना सुनते ही मानो मेरे हौश उड़ गए। मेरे में इतनी हिम्मत नहीं रही कि विनय को फोन लगाउ। फोन लगाना छोड़ अन्य श्रोत से पता करने लगा। जब पता चला तो ब्रेकिंग न्यूज क्या बनती खुद का दिल ब्रेक कर गया।


दोस्त तेरी याद में सिर्फ इतना कहना है :-

इतना तसलसुल तो मेरी सांसों में भी नहीं “मोहसिन” 
जिस रवानी से वो शख्स मुझे याद आता है।
                                         तुम्हारा एक दोस्त
                                                    ब्रजेश