गेस्ट ट्रेनरों से मई माह से सरकार ने सेवा लेना कर दिया बंद

सरकारी आईटीआई के ढ़ाई सौ छात्रों का भविष्य अंधकारमय

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

जहां सरकार तकनीकी शिक्षा पर जोर देते हुए सरकारी स्तर पर आईटीआई कालेज की स्थापना कर पढ़ाई शुरू करवा दिया वहीं संसाधन के अभाव में यहां पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

अनुमंडल के नगर पंचायत क्षेत्र के गर्ल्स स्कूल रोड स्थित निजी मकान में संचालित सरकारी आईटीआई कालेज के छात्रों ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि जबसे गेस्ट ट्रेनरों की सेवा बंद हुई है हमलोगो का नियमित पाठन पाठन बाधित है। 


छात्रों का कहना है कि अगले माह जुलाई-अगस्त में परीक्षा सामने है पुरा का पुरा सिलेबस यू ही रखा है। कुछ भी पढ़ाई नहीं हुई है। हमलोग परेशान हैं कि कैसे परीक्षा पास करूंगा। 


प्रधान शिक्षक व लिपिक लेते हैं क्लास – 


इस आईटीआई कालेज में नामांकित 230 छात्र है इसमें से छात्रों की उपस्थिति भी समान्य से अधिक है। ऐसे में कालेज प्रबंधन के लिए क्लास में पढ़ाने की बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। दो प्रधान शिक्षक आनंद प्रकाश एवं अमन कुमार एक एक क्लास के बाद  दुसरे क्लास में प्रधान लिपिक चन्द्र नारायण शर्मा एवं अरूण गुप्ता संभालते हैं। जब से गेस्ट ट्रेनर को हटाया गया है संस्थान में पढ़ाई बाधित हो गई है।

आईटीआई में स्वीकृत पद –


इस कालेज में सरकारी स्तर पर स्वीकृत पद 38 है। जिसमे कार्यरत 15 है। रिक्त 23 पद है।  कार्यरत कर्मीयों में एक प्राचार्य, दो अनुदेशक, एक प्रधानलिपिक, एक उच्चवर्गीय लिपिक, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर, आठ कार्यालय परिचारी एवं एक स्वीपर कार्यरत है। जवकि उपप्राचार्य के एक पद, एक सहायक अधीक्षक, दो मुख्य अनुदेशक, 12 व्यवसाय अनुदेशक, एक गणित अनुदेशक, एक ड्राइंग अनुदेशक, एक अंग्रेजी अनुदेशक, एक उच्च वर्गीय लिपिक, एक भण्डारपाल, एक मिश्रक, आठ कार्यालय परिचारी एवं एक स्वीपर का पद खाली है। जिसमे 8 कार्यालय परिचारी एवं 1 स्वीपर को एनजीओ फ्रन्ट लाइन के द्वारा प्रतिनियुक्त किया गया है।


क्या कहते है प्राचार्य –


आईटीआई सिमरी बख्तियारपुर के प्राचार्य अमितोश कुमार ने बताया कि चूंकि पूरे बिहार में बिहार सरकार ने ही सभी अतिथि शिक्षकों को मई में हटा दिया था। नए सिरे के आवेदन लेकर फिर से ट्रेनरों की बहाली होगा। शिक्षक के कमी पर वर्तमान में जो कर्मी कार्यरत है वही पढ़ा रहें है। हमलोगों के स्तर से कुछ नहीं हो सकता है।