कालेज के आगे टेंट लगाकर दे रहे हैं छात्रों को ट्रेनिंग

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

अनुमंडल क्षेत्र के नगर पंचायत मुख्य बाजार के प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय रोड स्थित सरकारी आईटीआई कालेज सिमरी बख्तियारपुर के गेस्ट ट्रेनरों ने अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

जिसकी वजह से संस्थान में  पढ़ाई बाधित हो रही है। अतिथि अनुदेशकों ने प्रशिक्षण संस्थान के सामने टेंट लगा कर धरने पर बैठ गए है वहीं छात्रों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। अतिथि अनुदेशक ने कहा है, कि  हम लोगों को संस्थान द्वारा  आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इन लोगों का कहना है कि निर्धारित 18 हजार मानदेय मिलना था। लेकिन विभाग ने अनियमित तरीके से किसी को 42 सौ तो किसी को 84 सौ की दर से मानदेय काट कर भुगतान कर रहे हैं।जबकि हम लोगों को प्रति घंटा के हिसाब से तीन सौ रूपया प्रतिदिन मिलना था। वही प्रधान लिपिक की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठाया।

गेस्ट ट्रेनर ने आरोप लगाया है कि यदि कोई अतिथि अनुदेशक लिखित आवेदन देते हैं। तो उस पर लोकल दबंग नेता एवं अभद्रता व्यवहार किए जाने का स्पष्टीकरण निकाल दिया जाता है। उपस्थिति बायोमेट्रिक प्रणाली से किया जाता है। लेकिन हम लोगों की उपस्थिति को अन्य प्रकार से भी लिया जाता है। जिससे पूर्ण उपस्थिति नहीं बन सकें। साथ ही हम लोगों को सेवा मुक्त करने का भी धमकी दिया जाता है। मालूम हो कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कुल 17 औद्योगिक प्रशिक्षण अनुदेशक है। जो कि प्रशिक्षण का कार्य 2 वर्षों से करते आ रहे हैं।

इस संबंध में अतिथि अनुदेशक आलोक कुमार, मंटू कुमार, पवन कुमार, कमलेश कुमार, विवेकानंद कुमार, चंदन कुमार, आयूस आनंद, मुनाजिर मुश्ताक, विवेक कुमार, नरेश चंद्र, दीपक रजक, विशाल कुमार आशीष भारती, आदि सहित अन्य  ने एक हस्ताक्षरयुक्त आवेदन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य, शिक्षक नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग पटना, श्रम संसाधन विभाग के मंत्री, अनुदेशक शिक्षक प्रभारी सिमरी बख्तियारपुर को भी मांग पत्र सौंपा है।

वही औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल  अमृतोष कुमार ने बताया कि इन  अतिथि अनुदेशक को प्रतिदिन ₹300 घंटे के हिसाब से मानदेय के सभी दिनों में काम करने के उपरांत कुल राशि ₹18 हजार देय करना था। लेकिन जिन अतिथि अनुदेशक  छुट्टी में जाने के कारण उसकी उपस्थिति के अनुसार ही  पैसा दिया जाता है। उपस्थिति में पैसे कम देने के मामले को लेकर अनुदेशक का गलत आरोप लगाते हैं। वहीं अनुदेशक को विभाग के द्वारा हटाए  जाने का निर्णय किया है। जो पूरे बिहार में लागू है। पुनः ऑनलाइन लोगों की अलग बहाली होगी। वही उन्होंने कहा कि अनुदेशकों की जब तक का आवंटन आया है। सभी मानदेय की राशि को पेमेंट कर दिया गया है। महीने से विभाग के द्वारा आवंटन नहीं आया है। आवंटन आने के साथ ही इन लोगों का पेमेंट भी कर दिया जाएगा।