छः माह बाद भी नहीं हो सका वार्ड प्रबंधन समिति चुनाव का फैसला

दोनों पक्षों की ओर से सैकड़ों ग्रामीण अनुमंडल पहुंच जांच में बयान कराया कलमबद्ध

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

प्रखंड के ग्राम पंचायत मुहम्मदपुर के वार्ड संख्या 4 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के सफल संचालन के लिए वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंध कमेटी के गठन में गड़बड़ी की शिकायत का मामला ठंडा होता नहीं दिख रहा है।

मंगलवार को सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल के अवर निर्वाचन पदाधिकारी पवन कुमार के समक्ष वार्ड सभा के ग्रामीणों ने बयान कलमबद्ध करवाया। इस मौके पर दोनों पक्षों की ओर से सैकड़ों ग्रामीण टेम्पू,पीकअप सहित अन्य वाहनों से अनुमंडल मुख्यालय पहुंच अपना अपना पक्ष मजबूती से रखने का प्रयास किया।

वही अवर निर्वाची पदाधिकारी पवन कुमार ने वार्ड सभा में शामिल हस्ताक्षरित लोगों का बयान कलमबद्ध किया। उन्होंने बताया कि सभी वैसे लोगों का बयान लिया गया है जिसका हस्ताक्षर हैं। जांच रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को सौंपी जाएगी।

यहां बताते चलें कि बीते दिनों ग्राम पंचायत मुहम्मदपुर के वार्ड संख्या 4 में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत वार्ड सभा सचिव चयन में प्रखंड विकास पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर के मिलीभगत से अनियमितता बरतने के आरोप में जिला पदाधिकारी सहरसा को भी आवेदन दिया गया था जिसमें कहा गया था।दिए आवेदन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत वार्ड सभा सचिव चयन में प्रखंड विकास पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर के मिलीभगत से बरती जा रही अनियमितताओं के संबंध में कहा गया है कि वार्ड संख्या 4 के वार्ड सदस्य रूबी देवी ने सभी नियम कानून को धता बताते हुए कागज पर ही वार्ड सभा का आयोजन कर लिया और अपने मनपसंद लोगों का चयन प्रबंधन समिति के सदस्यों के रूप में कर लिया ताकि मनमाने तरीके से भ्रष्ट आचरण कर अवैध मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के फंड का दुरुपयोग कर सके।


जिसके लिए ग्रामीणों द्वारा वार्ड सदस्य रूबी देवी के मंसूबों की आशंका होते ही 23 अगस्त 2017 को प्रखंड विकास पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर को आवेदन दिया गया और मांग रखी गई कि किसी पर्यवेक्षक की उपस्थिति में वार्ड संख्या 4 में वार्ड सभा का आयोजन कर वार्ड सभा सचिव का चयन किया जाए परंतु वार्ड प्रखंड विकास पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर वार्ड सदस्य रूबी देवी के मेल में जाकर आवेदन के आलोक में कोई कार्यवाही नहीं की।इसके बाद जिला पदाधिकारी सहरसा और उप विकास आयुक्त को आवेदन दे जांच की मांग की गई।

कुल मिलाकर वार्ड में प्रबंधन समिति चुनाव का मामला करीब छः माह बीतने को है लेकिन अबतक कोई ठोस नतीजा इस ओर नहीं निकला है जिसकी वजह से दोनों पक्षों में तनाव तो है ही साथ ही विकास बाधित हो रहा है।