निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें चलवाने का आदेश के की रखी मांग

निजी स्कूल किताब, पोशाक के नाम पर अभिभावकों का कर रहा है आर्थिक दोहन

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

बिहार के निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिकेशन के किताबों पर मची लूट जगजाहिर है बीते कई वर्षों से निजी स्कूल कमीशन के पैसों के लिए हर साल अभिभावकों का शोषण करते हैं हर वर्ष मुनाफा की मेवा को आतुर स्कूल प्रबंधन किताबें बदलता रहता है।

इतना ही नहीं हर वर्ष बच्चों को महंगी महंगी किताबें उपलब्ध करवाने में अभिभावकों के पसीने छूट जाते हैं,इन्हीं सब मुद्दों को लेकर पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता रितेश रंजन के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा से मिला।


इस मौके पर भाजपा नेता रितेश रंजन ने केंद्रीय राज्य मंत्री से काफी देर तक वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर बातचीत की और प्राइवेट स्कूलों की लूट की बातों को मंत्री के सामने रखा। भाजपा नेता रितेश रंजन ने कहा कि देश के ज्यादातर प्राइवेट स्कूल आर्थिक दोहन का काम कर रहे हैं प्राइवेट स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को छोड़कर प्राइवेट पब्लिकेशन की किताब चलाया जाता है और प्राइवेट पब्लिशर्स के द्वारा 60 से 70% कमीशन तक की कमाई की जाती है हर वर्ष किताब को बदल देना स्कूल का धंधा बन चुका है।


स्कूल प्रबंधन पढ़ाई के बजाय किताब ड्रैस जूता आदि को व्यवसाय का रूप बनाता जा रहा है जिस पर मंत्री ने कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया और कहा कि एनडीए की सरकार आम लोगों की सरकार है और हम इस पर गहनता से विचार विमर्श करेंगे। इस मौके पर पूर्व जिला पार्षद सह भाजपा नेता प्रवीण आनंद रालोसपा के जिला अध्यक्ष चंदन बागची सहित अन्य लोग मौजूद रहे।