खाते में 4 लाख ले जमीन डील नहीं होने पर रूपये लौटाने से किया था इंकार 

बड़े पैमाने पर अनुमंडल क्षेत्र में होता अवैध रूप से प्रोपर्टी खरीद-बिक्री का काला कारोबार 

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-

सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र में विगत कई वर्षों से जमीन खरीद-बिक्री का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर फल फूल रहा है। कोई ठोस सबूत व शिकायत कर्ता नहीं मिलने की वजह से प्रशासनिक स्तर भी ऐसे कारोबार पर लगाम नहीं लगता है।

इसी तरह के एक मामले के नामजद आरोपी मो कलीम को बख्तियारपुर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर न्याययिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

क्या है पुरा मामला –

बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर निवासी मो कलीम पर यह आरोप लगाते हुए नगर पंचायत क्षेत्र के भट्ठा टोला निवासी मो शौकत अली ने 13 अगस्त 2016 बख्तियारपुर थाना में जमीन खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा कर चार लाख रूपये बैंक खाते में लेकर जब जमीन की डील नहीं होने की वजह से रूपये वापस मांगने पर लौटने से इंकार की बात को लेकर केश संख्या 283/16 दर्ज करवाया था। इसी मामले में उपरोक्त आरोपी को जेल भेजा गया है।

अवैध रूप से प्रोपर्टी की होती है डीलिंग –

अनुमंडल क्षेत्र में विगत कई वर्षों से अवैध रूप से बिना वैद्य लाईसेंस के एक दर्जन से अधिक लोग इस कारोबार में शामिल हो लाखों रूपये लेकिन करोड़ों रूपये का काला कारोबार कर फल फूल रहे हैं। ये चंद लोग जमीन खरीद करने वाले एवं बेचने वाले के बीच मध्यस्था कर चंद मिनटों व दिनों में खाक पति से लाख पति बन रहें हैं।

पटना, दिल्ली से महंगा है यहां जमीन –

यू तो यहां जमीन के मामले में कहां जाता है कि जड़ जौरू जमीन जोर का नही तो किसी ओर का। लेकिन इसके बावजूद यहां सरकारी जमीन से लेकर रैयती जमीन का फर्जीवाड़ा कर उसे बिक्री कर देना अब आम बात हो गई है। इसी सब बातों को लेकर एवं गल्फ देशों की उच्च कमाई का परिणाम है कि यहां की जमीन पटना, दिल्ली, सिलीगुड़ी से भी ज्यादा महंगा है। जानकारो की मानें तो तो नगर पंचायत क्षेत्र में खेत की जमीन कम से कम पांच लाख रुपये कट्ठा से लेकर जितना तक में डील हो सकता है तक पहुंच जाता है।

वही आवासीय या फिर व्यवसायिक जमीन की बात करें तो यह रास्ते वाले खाली जमीन की कीमत कम से कम बीस लाख रूपये कट्ठा से लेकर ….!

वही व्यवसायिक जमीन की बात करें तो इसका रेट करोड़ों तक जाता है प्रति कट्ठा। ये सिर्फ खरीद व बेचने वाले तथा स्थल व परिस्थिति पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है।