एमडीएम बंद रहने की शिकायत पर जांच को पहुंचे थे एमडीएम पदाधिकारी

सब कुछ उपलब्ध रहने के बावजूद चावल गबन की नियत से बंद कर दिया था एमडीएम

चावल किया गया सील, मामले की शुरू हुई जांच, दोषी होने पर होगी कार्यवाही

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

सरकार व शिक्षा विभाग चाहे जितना जोर लगा ले बच्चों को नियमित मीड डे मील देने का पर मर्जी प्रधान की ही चलती है। जब मन हुआ मध्याह्न भोजन शुरू कर दिया जब मन हुआ बंद कर दिया।

कुछ इसी तरह का वाक्या चल रहा था सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के बनमा-ईटहरी प्रखंड अंतर्गत सहुरिया पंचायत के मध्य विद्यालय सुगमा में।

गत कई दिनों से बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिलने पर कुछ ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की। इसी शिकायत के आलोक में मंगलवार को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन सहरसा मनोज कुमार विद्यालय पहुंच मामले की जांच कर विद्यालय में रखे गये 29 बोरा चावल को जप्त कर इस बात की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को करने की बात कही है।

वही मध्यान भोजन के बंद रहने से नाराज ग्रामीणों ने  जमकर नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रधानाध्यापक ने गबन की नियत से बच्चों को मध्याह्न भोजन बंद कर रखा था। ग्रामीण सावन कुमार सिंह ,रत्नेश रंजन, गोलू ठाकुर ,कृष्ण मोहन सिंह, प्रशांत कुमार उर्फ ललित सिंह, बाल्मीकि कुमार ,निर्मल झा , विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह आदि ने बताया कि एचएम की मनमर्जी चरम पर है कोई देखने वाला नहीं है। 

निरीक्षण उपरांत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्यान भोजन सहरसा ने कहा कि 29 तारीख से ही स्कूल के  प्रधानाचार्य ने चावल का अभाव बताकर मध्यान भोजन बंद कर दिया था। लेकिन अभी भी स्कूल में 29 बोरा चावल है। प्रथम दृष्टया लगता है चावल को गबन करने की नियत से मध्यान भोजन को बंद कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि 29 बोरा चावल को थाना की मौजूदगी में विद्यालय के कमड़े में ही ताला लगा कर सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी जिला के वरीय अधिकारियों को दे मिले दिशा निर्देश के आलोक में कार्यवाही की जायेगी।