बनमा-ईटहरी अंचल कार्यालय का है मामला,अबतक राशि का नही हुआ समायोजन

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-

अनुमंडल क्षेत्र के बनमा ईटहरी अंचल कार्यालय के नजारत में हुए पूर्व अंचल नाजीर के द्वारा दस लाख रुपये से भी अधिक की सरकारी राशि का हेराफेरी करने के मामले में अंचल प्रशासन की चुप्पी व लापरवाही के कारण हेराफेरी का मामला प्रकाश में आने के आठ माह बीतने के बाद भी न तो पूर्व अंचल नाजीर पर कोई ठोस कार्रवाई हो पाया है और न ही अंचल नजारत में हेराफेरी की राशि अब तक समायोजन हो पाया है।

जबकि उक्त हेराफेरी की राशि प्रशासनिक दृष्टिकोण से माना जाए तो सीधा गबन करने का मामला बनता है। फिर भी प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी साधे रहना समझ के पड़े हैं।

           अंचल कार्यालय की सूत्रों की मानें तो उक्त हेराफेरी की राशि में प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा बिना कोई ठोस कार्रवाई किये हुए नाजीर के वेतन से राशि काटने का दबाव बनाया जा रहा है। यही कारण है कि दबाव बनाते-बनाते मामला प्रकाश में आने के बाद भी आठ माह गुजर गया है और अब तक राशि का कोई अता- पता नहीं लग सका है। जबकि हेराफेरी करने वाले नाजीर का बनमा ईटहरी अंचल कार्यालय से करीब 7 अगस्त 2017 के आसपास ही तबादला होकर यहां से चला जाना बताया जाता है। वहीं बताया जाता है कि वे अब यहां झांकने तक के लिए भी नहीं पहुंचते है।

हेराफेरी की कैसे आया मामला प्रकाश में  :- 

अंचल कार्यालय की सूत्रों की मानें तो वर्तमान सीओ संजय कुमार महतो जब पूर्व सीओ रणधीर प्रसाद से योगदान के समय में प्रभार ले रहे थे तो उसी दौरान अंचल नजारत का रोकड़ पंजी अद्यतन कर प्रस्तुत किया गया था। प्रस्तुत रोकड़ पंजी को देख दोनों सीओ दंग रह गए थे। इसके बाद अंचल कार्यालय के द्वारा उक्त हेराफेरी की राशि को लेकर नाजीर से स्पष्टीकरण पूछा गया था। वहीं इसकी सूचना जिला को भी दे दिया जाना बताया जाता है। इसके अलावे बताया जाता है कि दबाव बनने के बाद उक्त हेराफेरी की राशि में से करीब 2 लाख रुपये की राशि जमा करना नाजिर के द्वारा बताया जाता है। मतलब विभाग 10 लाख की हेराफेरी की राशि में से 2 लाख जमा करवा कर गहरी नींद में सो गया है।

क्या है पूरा मामला  :-

          मालूम हो कि प्रखंड के तत्कालीन अंचलाधिकारी रणधीर प्रसाद ने कार्यालय के द्वारा जारी किए गए आदेश में अंचल नाजीर आनन्द कुमार को कहा था कि दिनांक 12/8/17 को आपके द्वारा एक ताल में मो 10,19,548=80 अर्थात दस लाख उन्नीस हजार पांच सो अड़तालीस रूपेय एवं अस्सी पैसे दिखाया गया है। पूर्व में कई बार आपको मौखिक एवं लिखित रूप से रोकड़ पंजी अद्यतन करने हेतु निर्देश दिया गया है परंतु आपके द्वारा रोकड़ पंजी अद्यतन नहीं करते हुए एक ही बार में दिनांक 12/8/17 को रोकड़ पंजी हस्ताक्षरार्थ उपस्थापित किया गया। यह वर्णित राशि एक ताल में कहां से आई इसका उल्लेख नहीं किया गया है। एक ताल में इतनी बड़ी राशि का रखना घोर अनियमितता को दर्शाता है तथा एक प्रकार का अस्थायी गबन का मामला बनता है।

कहते हैं पदाधिकारी  :-

अंचलाधिकारी संजय कुमार महतो ने पूछे जाने पर बताया कि इस मामले को लेकर जिला मुख्यालय में पत्र लिखकर भेजा जा चुका है। वहां से आदेश आने के बाद कोई कार्रवाई किया जाएगा।