आधार कार्ड आज हर भारतीय नागरिक के लिए सबसे जरूरी पहचान पत्र बन चुका है। बैंकिंग, सरकारी योजनाओं, स्कूल एडमिशन या मोबाइल सिम लेने तक—हर जगह आधार की जरूरत पड़ती है। पिछले कुछ सालों में आधार कार्ड की सुरक्षा और प्रमाणिकता को लेकर कई बार सवाल उठे हैं, जिससे सरकार और UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) समय-समय पर इसके नियमों में बदलाव करती रही है।
हाल ही में आधार कार्ड से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। 2025-26 के लिए जारी किए गए इन नए नियमों का मकसद आधार को और अधिक सुरक्षित, प्रमाणिक और फर्जीवाड़े से मुक्त बनाना है। अब नए आधार कार्ड बनवाने या पुराने में कोई भी अपडेट करवाने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की नई सूची लागू कर दी गई है। अगर आपके पास ये दस्तावेज नहीं हैं, तो आपको आधार कार्ड बनवाने या अपडेट करवाने में दिक्कत आ सकती है।
कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
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UIDAI ने 2 जुलाई 2025 से “Aadhaar (Enrolment and Update) First Amendment Regulations, 2025” लागू कर दिए हैं, जिससे 2016 के पुराने नियमों को पूरी तरह बदल दिया गया है। अब आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने के लिए चार मुख्य दस्तावेजों की जरूरत होगी—पहचान पत्र (Proof of Identity), पता प्रमाण (Proof of Address), जन्म प्रमाण पत्र (Proof of Date of Birth) और रिश्ते का प्रमाण (Proof of Relationship)।
पहचान पत्र के तौर पर आप पासपोर्ट, वोटर आईडी, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेंशनर फोटो आईडी, बैंक पासबुक या किसी सरकारी संस्था द्वारा जारी पहचान पत्र दे सकते हैं। पता प्रमाण के लिए राशन कार्ड, बिजली/पानी/गैस बिल, बैंक स्टेटमेंट, या सरकारी विभाग द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होंगे। जन्म प्रमाण पत्र के लिए अब 0-18 वर्ष के बच्चों के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अधिकृत बर्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। रिश्ते के प्रमाण के लिए स्कूल सर्टिफिकेट, जन्म प्रमाण पत्र या सरकारी दस्तावेज मान्य होंगे।
यह नियम सिर्फ भारतीय नागरिकों पर ही नहीं, बल्कि OCI (Overseas Citizen of India), Long Term Visa (LTV) होल्डर और विदेशी नागरिकों पर भी लागू होंगे। बच्चों के लिए 5 साल से कम उम्र में आधार बनवाने के लिए माता-पिता के दस्तावेजों से काम चल सकता है, लेकिन 5 साल से ऊपर के बच्चों और अन्य सभी के लिए ऊपर बताए गए दस्तावेज जरूरी होंगे।
डुप्लीकेट कार्ड पर सख्ती
UIDAI ने यह भी साफ कर दिया है कि अब एक व्यक्ति के नाम पर सिर्फ एक ही आधार कार्ड मान्य होगा। अगर किसी के पास एक से ज्यादा आधार नंबर हैं, तो सिर्फ सबसे पहले जारी हुए कार्ड को ही रखा जाएगा और बाकी सभी आधार कार्ड रद्द कर दिए जाएंगे। इसका मकसद डुप्लीकेट और फर्जी आधार कार्ड की समस्या को खत्म करना है।
आधार कार्ड में नाम, पता, फोटो या जन्मतिथि अपडेट करवाने के लिए भी वही दस्तावेज मान्य होंगे, जो नए आधार बनवाने के लिए जरूरी हैं। यानी, अब बिना प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
उद्देश्य और फायदा
सरकार और UIDAI का कहना है कि ये बदलाव आधार की विश्वसनीयता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किए गए हैं। इससे फर्जी पहचान, डुप्लीकेट कार्ड और गलत जानकारी के आधार पर मिलने वाली सरकारी सुविधाओं में कटौती होगी। साथ ही, असली और पात्र नागरिकों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
नए नियमों से सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और आधार की स्वीकार्यता भी मजबूत होगी। इससे नागरिकों की पहचान और उनके अधिकारों की रक्षा होगी, साथ ही आधार का दुरुपयोग भी रुकेगा।
आवेदन कैसे करें?
अगर आप नया आधार कार्ड बनवाना चाहते हैं या पुराने में कोई अपडेट करवाना है, तो आपको ये दस्तावेज साथ लेकर नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाना होगा:
- पहचान पत्र (जैसे पासपोर्ट, वोटर आईडी, पैन कार्ड)
- पता प्रमाण (जैसे राशन कार्ड, बिजली बिल)
- जन्म प्रमाण पत्र (बच्चों के लिए बर्थ सर्टिफिकेट)
- रिश्ते का प्रमाण (अगर जरूरी हो)
आधार केंद्र पर इन दस्तावेजों की जांच के बाद ही आपका आवेदन स्वीकार होगा। दस्तावेजों की सूची UIDAI की वेबसाइट या आधार केंद्र पर भी उपलब्ध है।
निष्कर्ष
आधार कार्ड से जुड़े नए नियम हर नागरिक के लिए जानना जरूरी है, क्योंकि बिना सही दस्तावेज अब आधार कार्ड बनवाना या अपडेट करवाना संभव नहीं होगा। सरकार का ये कदम आधार को और सुरक्षित, प्रमाणिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है, जिससे आपकी पहचान और सरकारी सुविधाओं की सुरक्षा पहले से ज्यादा मजबूत होगी।