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Property Documents 2025: 5 में से 2 पेपर मिस किए तो 1 मिनट में डूब सकता है लाखों, जानिए सच

Property Documents 2025 Property Documents 2025

हर कोई चाहता है कि उसका खुद का घर या जमीन हो, लेकिन प्रॉपर्टी खरीदना जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं। बहुत से लोग बिना पूरी जानकारी के जल्दबाजी में प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं और बाद में उन्हें कानूनी झंझट, धोखाधड़ी या कब्जा न मिलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

अगर आपके पास सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं, तो आपकी मेहनत की कमाई डूब सकती है और कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। आजकल रियल एस्टेट में धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए, प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सभी जरूरी कागजात की जानकारी और उनकी सही जांच-पड़ताल करना बेहद जरूरी है।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि प्रॉपर्टी खरीदते समय कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स जरूरी हैं, उनकी क्या अहमियत है, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप किसी भी परेशानी से बच सकें।

Property Documents 2025

प्रॉपर्टी खरीदते समय कुछ डॉक्यूमेंट्स ऐसे होते हैं जो हर हाल में चेक करने चाहिए। ये डॉक्यूमेंट्स आपके मालिकाना हक को साबित करते हैं, कानूनी सुरक्षा देते हैं और भविष्य में किसी भी विवाद से बचाते हैं।

ओवरव्यू टेबल

डॉक्यूमेंट का नाम महत्व/विवरण
टाइटल डीड (Title Deed) असली मालिक का प्रमाण, कानूनी स्वामित्व दर्शाता है
सेल डीड (Sale Deed) प्रॉपर्टी ट्रांसफर का मुख्य डॉक्यूमेंट, रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड होना जरूरी
एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट प्रॉपर्टी पर कोई लोन, दावा या बकाया तो नहीं, इसका रिकॉर्ड
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्रॉपर्टी में रहने की अनुमति का सबूत, बिल्डर से लेना जरूरी
बिल्डिंग प्लान अप्रूवल प्लानिंग अथॉरिटी से मंजूरी, अवैध निर्माण से बचाव
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) सभी संबंधित विभागों से अनुमति, कानूनी क्लियरेंस
टैक्स रसीदें प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स बकाया तो नहीं, इसका सबूत
आईडी व एड्रेस प्रूफ खरीदार की पहचान व पता प्रमाणित करने के लिए जरूरी

जरूरी डॉक्यूमेंट्स की डिटेल

1. टाइटल डीड (Title Deed)

  • यह सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट है, जो प्रॉपर्टी के असली मालिक का प्रमाण देता है।

  • इसमें प्रॉपर्टी का पूरा विवरण, खरीदार और विक्रेता का नाम, और ट्रांसफर की शर्तें होती हैं।

  • यह स्थानीय लैंड रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्टर्ड होना चाहिए।

2. सेल डीड

  • प्रॉपर्टी की बिक्री और ट्रांसफर का कानूनी सबूत।

  • बिना सेल डीड के प्रॉपर्टी का मालिकाना हक नहीं मिलता।

  • इसे रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य है।

3. एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट 

  • इससे पता चलता है कि प्रॉपर्टी पर कोई लोन, बकाया, या कानूनी विवाद तो नहीं है।

  • यह सर्टिफिकेट जितना क्लीन होगा, उतना ही सुरक्षित सौदा माना जाएगा।

4. ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट

  • बिल्डर से लेना जरूरी है, खासकर नई प्रॉपर्टी या फ्लैट खरीदते समय।

  • यह प्रमाणित करता है कि प्रॉपर्टी में रहना सुरक्षित और कानूनी है।

5. बिल्डिंग प्लान अप्रूवल 

  • प्रॉपर्टी का नक्शा लोकल अथॉरिटी से अप्रूव होना चाहिए।

  • अवैध निर्माण या भविष्य में गिराने की नौबत से बचाव करता है।

6. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट

  • कई विभागों (बिजली, पानी, नगर निगम आदि) से NOC लेना जरूरी है।

  • इससे प्रॉपर्टी पर कोई कानूनी अड़चन नहीं आती।

7. टैक्स रसीदें

  • प्रॉपर्टी का हाउस टैक्स, वाटर टैक्स आदि समय पर जमा है या नहीं, इसकी जांच करें।

  • इससे साफ होता है कि प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स बकाया नहीं है।

8. आईडी व एड्रेस प्रूफ

  • खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए जरूरी है।

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि डॉक्यूमेंट्स लगते हैं।

अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स

  • पावर ऑफ अटॉर्नी (अगर लागू हो)

  • लोन रिलीज सर्टिफिकेट (अगर पहले लोन था)

  • म्युटेशन सर्टिफिकेट (नामांतरण प्रमाणपत्र)

  • खाता सर्टिफिकेट/पट्टा (कुछ राज्यों में जरूरी)

अगर डॉक्यूमेंट्स में गड़बड़ी हो तो क्या हो सकता है?

  • प्रॉपर्टी पर क्लेम या विवाद हो सकता है।

  • बैंक लोन नहीं मिलेगा।

  • भविष्य में प्रॉपर्टी बेचना मुश्किल हो सकता है।

  • कोर्ट केस या कानूनी झंझट में फंस सकते हैं।

  • प्रॉपर्टी पर कब्जा मिलने में दिक्कत आ सकती है।

लीगल प्रक्रिया

  • प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स की जांच और वेरिफिकेशन करें।

  • विक्रेता की पहचान और मालिकाना हक कन्फर्म करें।

  • एडवांस पेमेंट से पहले सेल एग्रीमेंट बनवाएं।

  • सभी NOC और अप्रूवल्स चेक करें।

  • फाइनल पेमेंट के बाद सेल डीड रजिस्टर करवाएं।

  • म्युटेशन/नामांतरण कराएं।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • सभी डॉक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी और ओरिजिनल जरूर देखें।

  • किसी भी संदेह की स्थिति में रजिस्ट्री ऑफिस या वकील से सलाह लें।

  • प्रॉपर्टी की लोकेशन, एरिया, और नक्शा मिलान करें।

  • प्रॉपर्टी पर कोई बकाया लोन या टैक्स तो नहीं है, इसकी जांच करें।

  • बिल्डर या विक्रेता की विश्वसनीयता जरूर जांचें।

निष्कर्ष

प्रॉपर्टी खरीदना बड़ा निवेश है। सही डॉक्यूमेंट्स के बिना यह सौदा आपके लिए भारी पड़ सकता है। इसलिए, हर डॉक्यूमेंट की जांच-पड़ताल करें और जरूरत पड़े तो किसी एक्सपर्ट या वकील की मदद लें। इससे आप भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बच सकते हैं और अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकते हैं।

Disclaimer:
यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है। इसमें बताए गए डॉक्यूमेंट्स और प्रक्रिया पूरी तरह असली और जरूरी हैं। यह कोई फर्जी योजना या स्कीम नहीं है, बल्कि हर प्रॉपर्टी खरीददार के लिए जरूरी गाइडलाइन है। प्रॉपर्टी खरीदते समय हमेशा डॉक्यूमेंट्स की जांच करें और किसी भी डील में जल्दबाजी न करें।

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