हर साल लाखों टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं और रिफंड का बेसब्री से इंतजार करते हैं। पहले रिफंड आने में कई हफ्ते, कभी-कभी महीनों भी लग जाते थे। लेकिन इस साल की सबसे अहम खबर यही है कि अब रिफंड का पैसा पहले से कहीं ज्यादा तेजी से मिल रहा है।
तकनीकी सुधार और प्रक्रिया में पारदर्शिता के चलते आयकर विभाग रिफंड जारी करने में अब ज्यादा देरी नहीं कर रहा है। टैक्सपेयर्स के लिए ये एक बड़ी राहत की खबर है जो उन्हें वित्तीय रूप से भी सुकून देता है।
आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद रिफंड की प्रक्रिया विभाग के काम के भार और आपके द्वारा दी गई जानकारी की शुद्धता पर निर्भर करती है। पहले जहां रिफंड आने में 20 से 30 दिन या उससे ज्यादा समय लगता था, अब स्थिति बदल गई है।
इस बार कितने दिन में मिलेगा टैक्स रिफंड?
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इस साल आयकर विभाग ने रिफंड प्रोसेस को काफी तेज कर दिया है। अगर आपने सही-सही ITR फाइल किया है और उसे ई-वेरिफाई भी कर दिया है, तो आपके बैंक अकाउंट में औसतन 10 से 17 दिन के भीतर रिफंड की राशि जमा हो सकती है।
कुछ मामलों में लोगों को केवल 24 घंटे में ही अपना रिफंड मिल गया है। हालांकि, अगर आपके द्वारा भरे गए रिटर्न या अन्य जानकारी में कोई गलती है, तो यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
ITR फाइल करने के बाद उसका ई-वेरिफिकेशन जरूरी होता है। आयकर विभाग आपकी फाइल को तब तक स्वीकार नहीं करता जब तक वह ई-वेरिफाई नहीं हो जाती। ई-वेरिफिकेशन रिटर्न फाइल करने के 30 दिन के भीतर करना होता है।
अगर आप ITR समय से और बिलकुल सही तरीके से file करते हैं, तो तेजी से प्रोसेस होने के कारण आपका रिफंड भी जल्दी आ सकता है।
अगर रिफंड नहीं आया तो क्या हो सकता है कारण?
अक्सर कुछ कारणों से टैक्स रिफंड में देरी हो जाती है। ये आम वजहें हो सकती हैं:
- आपने ITR को ई-वेरिफाई नहीं किया या देरी से किया
- आपके बैंक खाते की डिटेल्स गलत भरी गई हैं
- पैन और आधार लिंक नहीं हैं
- TDS की जानकारी या फॉर्म 26AS में अंतर है
- रिटर्न के दस्तावेज अधूरे हैं या कोई गलती है
इन स्थितियों में आयकर विभाग को अतिरिक्त जांच करनी पड़ती है, जिससे रिफंड में समय लग सकता है।
कई बार बैंक अकाउंट नंबर या IFSC कोड गलत दर्ज करने से भी रिफंड फेल हो जाता है। इसलिए रिटर्न भरने से पहले और सबमिट करने के बाद दोबारा सभी जानकारी को ध्यान से चेक करना जरूरी है।
डेडलाइन, फॉर्म और टैक्स स्कीम से जुड़ी पूरी जानकारी
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर विभाग की वेबसाइट पर ITR-1, ITR-2 और ITR-3 फॉर्म उपलब्ध हैं। इस बार सरकार ने ITR फाइल करने की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है।
इसका मतलब ये है कि टैक्सपेयर्स के पास अभी भी अपना रिटर्न भरने का अच्छा मौका है। जो लोग तय समय से पहले रिटर्न भरते हैं, उन्हें न सिर्फ रिफंड जल्दी मिलता है, बल्कि पेनल्टी से भी बचत होती है।
इस बार नई टैक्स स्कीम भी लागू की गई है, जिसमें इनकम टैक्स स्लैब इस प्रकार है:
- ₹0 से ₹4 लाख तक आय पर कोई टैक्स नहीं
- ₹4 लाख से ₹8 लाख तक 5%
- ₹8 लाख से ₹12 लाख तक 10%
- ₹12 लाख से ₹16 लाख तक 15%
- ₹16 लाख से ₹20 लाख तक 20%
- ₹20 लाख से ₹24 लाख तक 25%
- ₹24 लाख से ऊपर की इनकम पर 30% टैक्स
टैक्सपेयर्स चाहें तो पुरानी टैक्स स्कीम का भी चुनाव कर सकते हैं जिसमें पहले जैसे कटौती विकल्प और छूट मौजूद हैं।
क्या रिफंड पर ब्याज भी मिलता है?
यदि आयकर विभाग रिफंड में अधिक समय लेता है, यानी 30 दिनों से भी ज्यादा, तो वह रिफंड राशि पर ब्याज भी देता है। ये ब्याज प्रति माह 0.5% यानी सालाना 6% की दर से होता है।
इस साल चूंकि अंतिम तारीख को सितंबर तक बढ़ा दिया गया है, इसलिए जो टैक्सपेयर्स समय से पहले रिटर्न भरते हैं, उन्हें रिफंड के साथ अच्छा-खासा ब्याज भी मिल सकता है।
ब्याज की गणना और भुगतान आयकर विभाग खुद करता है, इसके लिए कोई अलग से आवेदन देने की जरूरत नहीं होती।
जल्दी और सही रिफंड पाने के लिए क्या करें?
टैक्स रिटर्न का रिफंड तभी जल्दी मिलेगा जब आप ये कुछ जरूरी काम सही समय पर और सही तरीके से करें:
- सही जानकारी के साथ ITR भरें
- फॉर्म में गलती न करें
- समय पर ई-वेरिफिकेशन करें
- पैन व आधार लिंक रहें
- सही बैंक अकाउंट और IFSC कोड भरें
- फॉर्म 26AS व AIS की जांच करें
साथ ही, पोर्टल पर रिफंड का स्टेटस देखने के लिए लॉगिन कर वहां से “रिफंड स्टेटस” चेक कर सकते हैं। अगर कुछ गलती दिखे तो सुधार के लिए रिक्वेस्ट भी कर सकते हैं।
निष्कर्ष
अब टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न का रिफंड मिलना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा आसान और तेज हो गया है। अगर आपने सही-सही और समय से रिटर्न फाइल किया है, तो आपको अब औसतन 10 से 17 दिन में रिफंड की राशि मिल सकती है। इस नई और तेज व्यवस्था से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल रही है और अब उन्हें लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।