भारत में खेती वर्षा पर निर्भर होने के कारण सिंचाई की व्यवस्था किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती रहती है। खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन जैसी सुविधाओं की लागत कई बार किसानों की पहुंच से बाहर हो जाती है। खासकर सीमांत और छोटे किसान महंगे सिंचाई सिस्टम नहीं खरीद पाते।
ऐसे में सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी किसानों के लिए राहत की सांस जैसी होती है। PVC पाइप जैसी चीजें खेतों तक पानी पहुंचाने में मदद करती हैं और पानी की बर्बादी को भी रोकती हैं। अब 2025 में केंद्र और राज्यों की सरकारें किसानों को PVC पाइप खरीदने में अच्छी-खासी सब्सिडी दे रही हैं, जिससे वे कम लागत में आधुनिक सिंचाई सुविधा अपना सकते हैं।
योजना की पूरी जानकारी
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PVC Pipe Subsidy योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई में आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को PVC पाइप खरीदने पर 50% से 60% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। यह सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे उन्हें पारदर्शी और त्वरित लाभ मिल सके।
विभिन्न राज्यों में यह योजना थोड़ा अलग तरीके से लागू की गई है। उदाहरण के तौर पर, राजस्थान की “सिंचाई पाइपलाइन योजना” के अंतर्गत लघु और सीमांत किसानों को 60% सब्सिडी (अधिकतम ₹18,000) तक अथवा लागत का जो भी कम हो – दिया जा रहा है। वहीं सामान्य किसानों को लागत का 50% या अधिकतम ₹15,000 तक की सहायता दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश में भी कुछ जिलों में तेलहन उत्पादन को बढ़ाने वाली योजनाओं के तहत PVC पाइप की खरीद पर प्रति मीटर ₹35 तक की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है।
तमिलनाडु में “सोर्स टू फील्ड” नामक योजना के तहत किसानों को 800 मीटर तक पाइप खरीद पर कुल लागत की 50% या अधिकतम ₹15,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है।
इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान के पास कृषि भूमि का स्वामित्व, सिंचाई का कोई स्रोत (जैसे ट्यूबवेल, कुंआ, नदी, आदि), और किसान पंजीकरण प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया
PVC Pipe Subsidy योजना का आवेदन करने के लिए किसान को कुछ आसान कदम अपनाने होते हैं। यहां पूरी प्रक्रिया दी जा रही है:
स्टेप 1: किसान को अपने राज्य के कृषि विभाग के पोर्टल या नजदीकी ई-मित्र केंद्र/कृषि कार्यालय से आवेदन करना होता है।
स्टेप 2: आवेदन पत्र के साथ नीचे दिए गए दस्तावेज़ संलग्न करने होंगे:
- आधार कार्ड या जनाधार कार्ड
- खेत की जमाबंदी (अधिकतम 6 माह पुरानी)
- बैंक खाता पासबुक की कॉपी
- सिंचाई स्रोत से संबंधित प्रमाण पत्र
- अधिकृत विक्रेता से खरीदे गए पाइप की मूल रसीद और BIS मार्क होना जरूरी है
स्टेप 3: पाइप की खरीद के बाद 30 दिनों के अंदर सब्सिडी के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।
स्टेप 4: कृषि विभाग के अधिकारी द्वारा पाइप इंस्टॉलेशन और दस्तावेजों का फील्ड निरीक्षण किया जाता है।
स्टेप 5: सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने पर सब्सिडी राशि किसान के खाते में ट्रांसफर की जाती है।
लाभ
PVC Pipe Subsidy योजना किसानों के लिए कई तरह से लाभकारी है। सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसान कम लागत में सिंचाई के लिए पाइपलाइन बिछा सकते हैं, जिससे पानी खेत तक बिना नुकसान के पहुंचता है।
पाइपलाइन से सिंचाई करने पर जल संरक्षण होता है। पानी की 20-25% तक बचत होती है क्योंकि मिट्टी के जरिए रिसाव नहीं होता। इसके अलावा, समय की भी बचत होती है और सिंचाई प्रक्रिया सरल हो जाती है।
खास बात यह है कि पाइप खरीदने पर सब्सिडी सीधे खाते में मिलने से किसान बिचौलियों से बचते हैं और योजना अधिक पारदर्शी बनती है।
कुछ जरूरी शर्तें
इस योजना से जुड़ी कुछ आवश्यक शर्तें भी होती हैं जिन्हें किसान को ध्यान में रखना चाहिए:
- किसान को एक बार लाभ लेने के बाद 10 वर्षों तक पुन: PVC पाइप सब्सिडी नहीं मिलेगी।
- केवल उन्हीं पाइपों पर सब्सिडी मिलेगी जो 63 मिमी या उससे अधिक डायामीटर के हों और BIS कोड के अनुसार प्रमाणित हों।
- पाइप पर निर्माण तिथि और अनुदान वर्ष अंकित होना अनिवार्य है।
- सब्सिडी केवल आधिकारिक आपूर्तिकर्ताओं से खरीदे गए पाइप पर ही मान्य होती है।
- सामूहिक सिंचाई के स्रोत होने पर भी अलग-अलग किसान, यदि जमीन अलग-अलग नाम पर हो, तो योजना का लाभ ले सकते हैं।
निष्कर्ष
PVC Pipe Subsidy योजना 2025 किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है। इससे वे कम लागत में अपने खेतों तक पानी पहुंचा सकते हैं और आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपना सकते हैं। सरकार द्वारा दी जा रही यह सहायता खेती को लाभदायक बनाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में एक उपयोगी कदम है। योग्य किसान समय रहते योजना का लाभ जरूर उठाएं ताकि खेती में लागत घटे और उत्पादन बढ़े।