Nitish vs Tejashwi 2025: किसे मिलेगा 1 कुर्सी पर 4 दावेदारों का Jackpot

Agnibho

Nitish vs Tejashwi 2025

बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है। इस बार सबसे अहम सवाल यह है कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान या सम्राट चौधरी – जनता इन चेहरों में किसे पहली पसंद मानती है, इसका खुलासा हाल ही में किए गए एक सर्वे में हुआ है। यह सर्वे कई राजनीतिक समीकरणों को चुनौती देता दिख रहा है।

अब तक माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री पद का मुकाबला सिर्फ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच रहेगा, लेकिन सर्वे में सामने आया है कि नए चेहरे जैसे चिराग पासवान और प्रशांत किशोर पर भी लोगों का ध्यान तेजी से बढ़ रहा है। खास बात यह है कि इस बार युवाओं और नए मतदाताओं की राय से राजनीति का रुख बदलता नजर आ सकता है।

मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद कौन?

राजनीतिक विश्लेषण एजेंसी सी-वोटर और इंक इनसाइड ने हाल ही में बिहार में एक विस्तृत सर्वे किया, जिसमें जनता से पूछा गया कि अगर आज राज्य में चुनाव हो जाएं, तो वे किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहेंगे? इस सवाल का जवाब चौंकाने वाला था।

सर्वे में तेजस्वी यादव सबसे लोकप्रिय चेहरे के रूप में उभरे हैं। उन्हें 38 से 39 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद बताया। वहीं, नीतीश कुमार को 35 से 36 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला।

इसके अलावा, चिराग पासवान को 4 से 5 प्रतिशत लोगों ने अपना समर्थन दिया। वहीं, डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सम्राट चौधरी को 2 प्रतिशत से भी कम समर्थन मिला।

एक और खास बात यह रही कि प्रशांत किशोर, जो जन सुराज नाम की पार्टी के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं, उन्हें भी 16 से 18 प्रतिशत समर्थन मिला—जो कि एक नए उम्मीदवार के लिए काफी अहम माना जा सकता है।

लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव क्यों?

सर्वे में यह भी सामने आया कि फरवरी से लेकर जून 2025 तक की अवधि में नेताओं की लोकप्रियता में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। पहले नीतीश कुमार को 40 प्रतिशत समर्थन मिला था, लेकिन अब यह घटकर 15 से 18 प्रतिशत तक पहुंच गया है। तेजस्वी यादव की लोकप्रियता लगभग स्थिर रही है, जो यह दर्शाता है कि उनकी पकड़ मजबूत बनी हुई है।

वहीं, प्रशांत किशोर और चिराग पासवान की लोकप्रियता में हल्की-सी तेजी दिखी है। प्रशांत किशोर का खासकर युवा और शहरी वर्ग में प्रभाव बढ़ता दिख रहा है।

असली लड़ाई: नीतीश बनाम तेजस्वी

वर्तमान परिस्थितियों को देखें तो बिहार में असली मुकाबला नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच ही माना जा रहा है। बावजूद इसके कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट आई है, वे अब भी एनडीए का सबसे मजबूत चेहरा हैं।

एनडीए को राज्य में 48 से 49 प्रतिशत समर्थन मिला है, जो उन्हें सीटों के लिहाज से आगे रखता है, लेकिन जब मुख्यमंत्री पद के लिए सवाल पूछा गया, तो ज्यादा लोगों ने तेजस्वी यादव को पसंद किया। यह दिखाता है कि अब वोटिंग पैटर्न और पसंद अलग-अलग हो रही हैं।

महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव पहले से ही मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में सामने आ चुके हैं। वहीं, एनडीए में अभी स्थिति कुछ असमंजस में दिखती है।

दूसरे चेहरे: चिराग और प्रशांत का प्रभाव

चिराग पासवान, जो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता हैं, राज्य की राजनीति में अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि, फिलहाल उन्हें सीमित समर्थन मिल रहा है, लेकिन उनका प्रभाव कुछ खास जातीय समूहों में देखा जा रहा है।

प्रशांत किशोर ने ‘जन सुराज’ नाम से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की है। चारों ओर पदयात्रा करके उन्होंने जनता से संवाद बढ़ाया है, खासतौर पर युवाओं और पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं में। इनका ‘तीसरा विकल्प’ के रूप में उभरना आने वाले चुनाव में कई सीटों पर खेल बिगाड़ सकता है।

योजनाएं और मुद्दे भी बदल रहे हैं पसंद

बिहार की जनता इस बार सिर्फ चेहरों को नहीं, बल्कि नीतियों और योजनाओं को भी देखकर फैसला कर रही है।

नीतीश कुमार की ‘सात निश्चय योजना’, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों ने उन्हें कई वर्षों तक लोकप्रिय बनाए रखा। लेकिन अब लोग रोजगार और आर्थिक अवसरों की कमी को लेकर असंतोष जाहिर कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने पिछले चुनाव के समय 10 लाख नौकरियों का वादा किया था और इसी एजेंडे पर वह अभी भी जनता के बीच जा रहे हैं। युवा मतदाताओं को उनका यह वादा बेहद आकर्षित कर रहा है, और यह उनकी लोकप्रियता का बड़ा कारण है।

प्रशांत किशोर पूरी पारदर्शिता और शिक्षा व्यवस्था की मजबूती का मुद्दा लेकर जनता के सामने आ रहे हैं, जो शहरी वोटरों और पहली बार के मतदाताओं को भा रहा है।

किसे कितने प्रतिशत समर्थन?

  • तेजस्वी यादव: 38-39% लोगों की पहली पसंद
  • नीतीश कुमार: 15-36% तक (क्रमशः गिरावट के साथ)
  • प्रशांत किशोर: 16-18% तक समर्थन
  • चिराग पासवान: 4-10% के बीच समर्थन
  • सम्राट चौधरी: 2% से कम

यह आंकड़े दिखाते हैं कि कई चेहरों के बीच अब जनता का रुझान विभाजित हो रहा है। हालांकि सीटों के हिसाब से एनडीए मजबूत स्थिति में बना हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री की पहली पसंद के रूप में तेजस्वी यादव सब पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।

भविष्य की रणनीति क्या होगी?

राजनीतिक दलों के लिए यह सर्वे एक संकेत है कि उन्हें सिर्फ गठबंधन या जातीय समीकरणों के भरोसे नहीं रहना चाहिए। अब चुनाव की लड़ाई चेहरे, योजनाओं और कामकाज के आधार पर लड़ी जा रही है।

महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को CM पद का चेहरा घोषित कर एक कदम आगे बढ़ा दिया है। वहीं, एनडीए को नीतीश कुमार के विकल्प भी सोचने पड़ रहे हैं, क्योंकि लोकप्रियता के आंकड़े कह रहे हैं कि बदलाव की लहर जनता के बीच है।

निष्कर्ष

बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए होने वाली पसंद की लड़ाई अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है। जहां तेजस्वी यादव सबसे पसंदीदा चेहरे बनकर सामने आए हैं, वहीं नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट नजर आई है। नए चेहरे जैसे प्रशांत किशोर और चिराग पासवान भी धीरे-धीरे जनता के बीच अपना स्थान बनाने में सफल होते दिख रहे हैं। चुनाव से पहले जनता का यह मूड आने वाले परिणामों को प्रभावित कर सकता है।

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